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Ahmedabad, Rajkot News : चीन से 1.17 करोड़ रुपए के हिसाब से 17 मशीनें खरीदने का आरोप

locationअहमदाबादPublished: Sep 16, 2020 11:58:34 pm

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

रक्त की सामान्य सीबीसी जांच के लिए…
पांच वर्ष तक चीन की कंपनी से ही केमिकल खरीदने का भी समझौता

Ahmedabad, Rajkot News :  चीन से 1.17 करोड़ रुपए के हिसाब से 17 मशीनें खरीदने का आरोप

राजकोट में संवाददाता सम्मेलन में गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष डॉ. हेमांग वसावडा व अन्य पदाधिकारी-नेता।

राजकोट. गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष डॉ. हेमांग वसावड़ा ने रक्त की सामान्य सीबीसी जांच के लिए चीन से 1.17 करोड़ रुपए के हिसाब से गुजरात में कुल 17 मशीनें खरीदने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि इस मशीन से जांच के लिए पांच वर्ष तक चीन की कंपनी से ही केमिकल खरीदने का समझौता भी किया गया है।
यहां बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मशीनें खरीदने के लिए करीब 17 करोड़ रुपए से अधिक की डील गुजरात सरकार ने की है। इन मशीनों से केवल रक्त की सामान्य सीबीसी जांच की जाएगी, कोई असामान्य जांच करने की मशीन नहीं है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस मशीन से जांच के लिए आवश्यक केमिकल अगले पांच वर्ष तक चीन की उसी कंपनी से खरीदने के लिए समझौता भी किया गया है। उनका कहना है कि प्रत्येक जांच यानी प्रति रोगी की जांच के लिए 50-60 रुपए का केमिकल आता है। राजकोट के सिविल अस्पताल में ऐसी दो मशीनें दो दिन पहले ही लगाई गई हैं। कुल 8 अस्पतालों के लिए दो-दो मशीन के हिसाब से फिलहाल 17 मशीनें खरीदी गई हैं। चीन की बनावट की यह मशीनें चीन के शेनजान शहर में मुख्यालय वाली माइन्डरे कंपनी की हैं।
उनका आरोप है कि अकेले राजकोट में प्रतिदिन 500 रोगियों की जांच करने पर 30 हजार रुपए राजकोट के सिविल अस्पताल से चीन की कंपनी प्राप्त करेगी। गुजरात में ऐसी मशीनें लगाने पर प्रतिवर्ष करीब 100 करोड़ रुपए चीन की कंपनी को मिल सकते हैं। उनका आरोप है कि एक ओर भारत सरकार चीन के उत्पादों के बहिष्कार की बातें करती है, चीन की कंपनियों के टेंडर निरस्त करती है। दूसरी ओर गुजरात सरकार चीन की कंपनी से बिना टेंडर के ही मशीनें खरीद रही है, इससे अगले पांच वर्षों में चीन की कंपनी को करीब 100 करोड़ रुपए केमिकल मंगवाने के लिए चुकाने पड़ेंगे। उनका कहना है कि संबंध में जिला कलक्टरों को ज्ञापन दिए जाएंगे और सार्वजनिक तौर पर विरोध जताने के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
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