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Ahmedabad News पुस्तक मेले में पुस्तकें दान में भी देने पहुंच रहे हैं लोग

locationअहमदाबादPublished: Nov 17, 2019 10:46:19 pm

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Ahmedabad News पुस्तक मेले में पुस्तकें दान में भी देने पहुंच रहे हैं लोग

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अहमदाबाद. साबरमती रिवरफ्रंट पर चल रहे अहमदाबाद के आठवें नेशनल पुस्तक मेले में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पुस्तकें खरीदने के साथ-साथ पुस्तकों को दान में देने के लिए भी पहुंच रहे हैं।
अहमदाबाद महानगर पालिका ने मेले के आयोजन के दौरान मेले के प्रवेश द्वार के सामने ही ‘पुस्तक नी परबÓ के नाम से एक स्टॉल लगाया है, जहां लोग पुस्तकों को दान में दे सकते हैं।
रविवार को छुट्टी का दिन होने के चलते बड़ी संख्या में लोग पुस्तक मेले में पहुंचे। इसमें से एक परिवार था वासणा इलाके में रहने वाला अध्वर्यु परिवार। इस परिवार की सुलोचना योगेन्द्र अध्वर्यु एवं उनकी पुत्रवधू पारुल चिराग अध्वर्यु ने पुस्तक मेले में ३८ पुस्तकें दान में दी हैं।
सुलोचनाबेन बताती हैं कि उन्हें पुस्तकें पढऩे का शौक है। ना सिर्फ गुजराती बल्कि अंग्रेजी और हिंदी भाषा की पुस्तकें वे पढ़ती हैं। उनके इस शौक को और बल तब मिला जब उनकी पुत्रवधू पारुल को भी पुस्तकें पढऩी पसंद आने लगीं। दोनों सास-बहू फ्री समय में अलग अलग लेखकों की पुस्तकें पढ़ती हैं। जब पुस्तक पढ़ लेती हैं तो उन्हें इसी प्रकार से पुस्तक मेले में दान में देती हैं। वे कहती हैं कि ये पुस्तकें इसलिए दान में दी हैं ताकि इनमें छिपे ज्ञान और जानकारी का लाभ अन्य लोग भी ले सकें। दान में दी गईं पुस्तकों में साहित्य, कहानी और धार्मिक पुस्तकें शामिल हैं। वे कई पुस्तकें खरीदने भी आई हैं। उसकी बाकायदा सूची भी बनाई है।
Ahmedabad News पुस्तक मेले में पुस्तकें दान में भी देने पहुंच रहे हैं लोग
एक व्यक्ति ने खरीदी 15 से ज्यादा पुस्तकें
पुस्तक मेले में १३८ स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें हिंदी, गुजराती, अंग्रेजी भाषा सहित ज्यादातर भाषाओं की पुस्तकें उपलब्ध हैं। बाल साहित्य से लेकर कहानी, धार्मिक ग्रंथ, वेद की पुस्तकें, प्रतियोगी परीक्षाएं और आयुर्वेद व योग से जुड़ी पुस्तकें हैं।
इस मेले से प्रतीक पटेल ने बताया कि उन्होंने साहित्य, कहानी, अध्ययन से जुड़ी एवं धार्मिक पुस्तकें ली हैं। साथ आईं पंक्ति बताती हैं कि उन्हें क्राइम थ्रिलर नोवेल और सेल्फ हेल्प साहित्य से जुड़ी कहानियां पढऩी अच्छी लगती है। जिससे दोनों ने मिलकर १५ से २० पुस्तकें खरीदी हैं।
युवाओं में बरकरार है पुस्तक पढऩे का क्रेज
मेले में परिवार सहित पहुंचे गुजरात यूनिवर्सिटी के ग्रंथपाल योगेश पारीख बताते हैं कि युवाओं में पुस्तकें पढऩे का क्रेज बरकरार है। वे जीयू लाइब्रेरी के वर्ष २०१८-१९ में पढ़ी गईं पुस्तकों की जानकारी देते हुए बताते हैं कि एक साल में २२७५६ पुस्तकें पढऩे के लिए जारी की गईं। इसमें सबसे ज्यादा १२६९७ पुस्तकें गुजराती, ६३६३ अंग्रेजी, ३६९४ हिंदी और पांच अन्य भाषाओं की थी। इसमें अध्ययन से जुड़ी पुस्तकें ही नहीं बल्कि कहानियां और प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें, योग, प्राणायाम और धार्मिक पुस्तकें भी शामिल हैं। जिन्हें पढऩे का शौक युवा रखता है। डिजिटल के साथ पुस्तक पढऩे में भी उसकी रुचि बरकरार है।
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