पुस्तक मेले में १३८ स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें हिंदी, गुजराती, अंग्रेजी भाषा सहित ज्यादातर भाषाओं की पुस्तकें उपलब्ध हैं। बाल साहित्य से लेकर कहानी, धार्मिक ग्रंथ, वेद की पुस्तकें, प्रतियोगी परीक्षाएं और आयुर्वेद व योग से जुड़ी पुस्तकें हैं।
इस मेले से प्रतीक पटेल ने बताया कि उन्होंने साहित्य, कहानी, अध्ययन से जुड़ी एवं धार्मिक पुस्तकें ली हैं। साथ आईं पंक्ति बताती हैं कि उन्हें क्राइम थ्रिलर नोवेल और सेल्फ हेल्प साहित्य से जुड़ी कहानियां पढऩी अच्छी लगती है। जिससे दोनों ने मिलकर १५ से २० पुस्तकें खरीदी हैं।
मेले में परिवार सहित पहुंचे गुजरात यूनिवर्सिटी के ग्रंथपाल योगेश पारीख बताते हैं कि युवाओं में पुस्तकें पढऩे का क्रेज बरकरार है। वे जीयू लाइब्रेरी के वर्ष २०१८-१९ में पढ़ी गईं पुस्तकों की जानकारी देते हुए बताते हैं कि एक साल में २२७५६ पुस्तकें पढऩे के लिए जारी की गईं। इसमें सबसे ज्यादा १२६९७ पुस्तकें गुजराती, ६३६३ अंग्रेजी, ३६९४ हिंदी और पांच अन्य भाषाओं की थी। इसमें अध्ययन से जुड़ी पुस्तकें ही नहीं बल्कि कहानियां और प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें, योग, प्राणायाम और धार्मिक पुस्तकें भी शामिल हैं। जिन्हें पढऩे का शौक युवा रखता है। डिजिटल के साथ पुस्तक पढऩे में भी उसकी रुचि बरकरार है।