उन्होंने कहा कि इस मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्यरत होने से उत्तर गुजरात और राजस्थान तक सामान्य व्यक्ति को बेहतर उपचार मिल रहा है। वे शुक्रवार को गांधीनगर के कलोल में श्री स्वामीनारायण विश्वमंगल गुरुकुल की ओर से नवनिर्मित स्वामीनारायण यूनिवर्सिटी के लोकार्पण एवं निर्माणाधीन 750 बेड की प्रेम स्वरूप स्वामी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में आयुष, योग और भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति विश्व अपनाएगा। मौजूदा समय में टेलीमेडिसिन से देश के सुदूरवर्ती नागरिकों को घर बैठे एम्स जैसे अनेक प्रतिष्ठित अस्पतालों के चिकित्सकों का नि:शुल्क मार्गदर्शन और बेहतर उपचार मिल रहा है। भारत में पहली बार परंपरागत चिकित्सा पद्धति को प्राथमिकता देने के लिए नया आयुष मंत्रालय प्रारंभ किया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 में कलोल स्थित गुरुकुल की स्थापना की गई। 25 एकड़ में फैली इस संस्था में मौजूदा समय में 12 हजार विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ-साथ धर्म और संस्कार का सिंचन हो रहा है। इसमें आगामी समय में 750 बेड की इस मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्यरत होने से उत्तर गुजरात और राजस्थान तक सामान्य व्यक्ति को बेहतर उपचार मिल रहा है।
आठ वर्षों में 603 मेडिकल कॉलेज
उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 में कलोल स्थित गुरुकुल की स्थापना की गई। 25 एकड़ में फैली इस संस्था में मौजूदा समय में 12 हजार विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ-साथ धर्म और संस्कार का सिंचन हो रहा है। इसमें आगामी समय में 750 बेड की इस मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्यरत होने से उत्तर गुजरात और राजस्थान तक सामान्य व्यक्ति को बेहतर उपचार मिल रहा है।
आठ वर्षों में 603 मेडिकल कॉलेज
शाह ने कहा कि देश में वर्ष 2013-14 से पहले मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 थी, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढक़र 603 हो गई है। देश में पहले एमबीबीएस की सीटें 51,348 थी, जो अब बढक़र 89,875 हो गई है। जबकि एमडी एवं एमएस की सीटें भी 31 हजार 100 से बढक़र 60,000 हो गई।