जानकारी के अनुसार कडाणा डेम एवं पानम डेम से पानी छोडऩे के कारण महीसागर नदी में सात लाख क्युसेक पानी की आवक हुई है, जिसके कारण शुक्रवार से नदी में बाढ़ आई है। ऐसे में गंभीरा व कोठियावाड गांव की सीमा में नदी का पानी खेतों में घुसने से ११०० एकड़ जमीन में तम्बाकू व धान की फसल में रविवार को तीसरे दिन भी पानी भरा है। ऐसे में किसानों को फसल नष्ट होने की आशंका है।
नदी के तटीय क्षेत्र गंभीरा, बामणगाम, ननी, कंख्याड, कोठियाखाड सहित गांवों की जमीन में पानी घुसने से किसान चिन्तित हैं। इसके अलावा, खेरडा, व्हेराखाड़ी, राजूपुरा सहित नदी के किनारे स्थित गांवों में भी पानी घुसने से धान, बाजरा आदि फसलों को नुकसान हुआ है।
नुुकसान का सर्वे शुरू
तीन दिनों से खेतों में भरा पानी नहीं उतरने के कारण तम्बाकू व धान की फसल को ज्यादा नुकसान होने की आशंका है। ऐसे में जिला पंचायत खेतीवाड़ी शाखा की ओर से रविवार को फसल के नुकसान का सर्वे शुरू किया गया है। बामणगाम, कोठियाखाड आदि गांवों में ग्राम सेवक व पटवारी की ओर से नुकसान का सर्वे शुरू किया गया है।