scriptशहरों के योजनाबद्घ विकास के लिए राज्यभर में समान नियम लागू | Applying the same rules throughout the state for planned development o | Patrika News

शहरों के योजनाबद्घ विकास के लिए राज्यभर में समान नियम लागू

locationअहमदाबादPublished: Oct 13, 2017 09:53:40 pm

राज्य में अब एक समान सामान्य विकास नियंत्रण नियमन (जीडीसीआर) लागू होगा। राज्य के शहरों के योजनाबद्ध विकास के लिए राज्य में निर्माण के समान नियमों को र

Applying the same rules throughout the state for planned development of cities

Applying the same rules throughout the state for planned development of cities

अहमदाबाद।राज्य में अब एक समान सामान्य विकास नियंत्रण नियमन (जीडीसीआर) लागू होगा। राज्य के शहरों के योजनाबद्ध विकास के लिए राज्य में निर्माण के समान नियमों को राज्य सरकार ने मंजूरी दी है।

उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने चुनाव से पूर्व इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में प्राधिकरणों, नगरपालिका क्षेत्र व जीआईडीसी इलाके को 10 विभाग में विभाजित कर इसकी अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं।

डी-1 श्रेणी में अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट, सूरत व गांधीनगर, डी-2 श्रेणी में जामनगर, जूनागढ़, भावनगर, भरूच, अंकलेश्वर तथा डी-7 ए में ए और बी श्रेणी की नगरपालिकाओं को शामिल किया गया है तथा डी-7 बी में के और डी वर्ग की नगरपालिकाओं को शामिल किया गया है।

उपमुख्यमंत्री के मुताबिक अहमदाबाद व राजकोट की तरह सूरत को भी ट्रांजिट कॉरिडोर का लाभ मिलेगा। इसके तहत सूरत में 45 मीटर के रास्ते पर रास्ते की सीमा से दोनों ओर 200 मीटर के अंतर पर आने वाले अंतिम खंड को 4.0 एफएसआई दिया जाएगा। इसी तरह सूरत व वडोदरा में 36 मीटर से ज्यादा चौड़े रास्ते पर रास्ते की सीमा से दोनों ओर 200 मीटर के अंतर में आने वाले अंतिम खंडों को 3.6 एफएसआई दिया जाएगा। उधर डी-7 (ए) श्रेणी में एफएसआई 1.8 फ्री दी जाएगी। इसमें 0.6 पेमेंट एफएसआई दी जाएगी।

गैर नगर नियोजन (नॉन टी.पी.) इलाके कच्छ तथा के व डी वर्ग की नगरपालिका में कटौती का स्तर 40 फीसदी था जिसे घटाकर 30 फीसदी किया गया है वहीं ए और बी वर्ग की नगरपालिका इलाके में 35 फीसदी कटौती का प्रावधान किया गया है।

25 मीटर तक की ऊंचाई के मकानों में पार्किंग के लिए होलो फ्लीन्थ की ऊंचाई को बिल्डिंग की ऊंचाई में नहीं गिना जाएगा। राज्य में के और डी वर्ग की नगरपालिका के अलावा सभी जगहों पर 45 मीटर की ऊंचाई के मकानों को मंजूरी मिल सकेगी। महानगरपालिकाओं में 36 मीटर से ज्यादा चौड़ाई के रास्ते पर 70 मीटर की ऊंचाई मिलेगी। 300 लोगों की क्षमता वाले मल्टीप्लेक्स को अब 30 मीटर के रास्ते के बजाय 24 मीटर के रास्ते पर 250 लोगों की क्षमता वाले मल्टीप्लेक्स 18 मीटर के रास्ते पर मिल सकेगा।

कॉमन प्लॉट में 50 वर्ग मीटर तक के निर्माण से एफएसआई से मुक्ति

शहरों व नगरों में निर्माण क्षेत्र में कॉमन प्लॉट में 15 वर्ग मीटर की बजाय 50 वर्ग मीटर तक के निर्माण में एफएसआई से मुक्ति मिलेगी। 250 मीटर से बड़े प्लॉट में भूतल में दुपहिया वाहनों के लिए मंजूरी दी जाएगी।

वडोदरा में रास्ते की चौड़ाई के तहत अलग-अलग पेड एफएसआई आधार हैं। इसकी बजाय सभी रास्तों पर ज्यादा एफएसआई पेड आधार पर दिया जाएगा। बिल्डिंग के चारों ओर 6 मीटर छोडऩे के बाद रैम्प की मंजूरी दी जाएगी।

विकास नक्शा में कई बार सर्वे नंबर/ब्लॉक नंबर दर्शाने में गलती होती है, तो इसे राजस्व रिकॉर्ड के आधार को जांचने-परखने के बाद मंजूरी की कार्यवाही सक्षम अधिकारी के पास होगा। समान जीडीसीआर की व्याख्या के संबंध में किसी प्रश्न के उपस्थित होने पर अपील समिति का गठन का प्रावधान किया गया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो