इसके लिए छोटे से बड़े ७२ अलग-अलग प्रदर्शन टैंक बनाए गए हैं। इनमें जिनमें मछलियों और प्रजातियों को रखा जाने वाला है। इन टैंक को मछलीव प्रजाति के अनुरूप माहौल देने के लिए टैंक का अंदरूनी माहौल डिजाइन किया जा रहा है।
द्विवेदी ने दावा किया कि देश की सबसे बड़ी एक्वाटिक गैलरी होगी। गैलरी में आने वाले लोगों को समुद्री जीवों को देखने का मौका मिलेगा तो मिलेगा ही साथ ही संबंधित मछली को ऑडियो-विज्यूअल, एलईडी स्क्रीन, ४ डी थियेटर के माध्यम से एवं अंग्रेजी व हिंदी के सूचना पट के जरिए समझने का भी अवसर मिलेगा। यहां विशेष सत्र भी आयोजित होंगे।
द्विवेदी ने दावा किया कि देश की सबसे बड़ी एक्वाटिक गैलरी होगी। गैलरी में आने वाले लोगों को समुद्री जीवों को देखने का मौका मिलेगा तो मिलेगा ही साथ ही संबंधित मछली को ऑडियो-विज्यूअल, एलईडी स्क्रीन, ४ डी थियेटर के माध्यम से एवं अंग्रेजी व हिंदी के सूचना पट के जरिए समझने का भी अवसर मिलेगा। यहां विशेष सत्र भी आयोजित होंगे।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव धनंजय द्विवेदी ने बताया कि २१ अक्टूबर २०१७ को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस गैलरी के निर्माण का शिलान्यास किया था। इसके निर्माण का काफी हिस्सा पूर्ण कर लिया गया है। जनवरी-२०१९ से इसमें मछलियों को लाने की शुरूआत हो जाएगी, हालांकि आम जनता के लिए इसे जून-२०१९ से खोलने की योजना है। इस बीच देखा जाएगा कि यहां लाई गई मछलियां व अन्य समुद्रीय जीवों को उनके अनुरूप वातावरण प्रदान किया जा सके। इसका पूरा ध्यान रखा गया है कि प्रत्येक समुद्री जीव व मछलियों को वो जिस देश एवं प्रदेश और वातावरण में पाई जाती हैं, वैसा ही समुद्रीय-जलीय पर्यावरण उपलब्ध कराया जा सके।
यह होंगे आकर्षण
५-६ अफ्रीकी पेंग्विन्स, स्टैन्डबार शार्क, ग्रेरीफ शार्क, स्पोटेड ईगल रे, काऊनोज रे, खतरनाक कोयपू मछली, स्टिंगरेस, जैलीफिश, कोरल रीफ, ऑक्टोपस, अल्बीनो पेंग्लासियुस, कोई देखने को मिलेगी।
५-६ अफ्रीकी पेंग्विन्स, स्टैन्डबार शार्क, ग्रेरीफ शार्क, स्पोटेड ईगल रे, काऊनोज रे, खतरनाक कोयपू मछली, स्टिंगरेस, जैलीफिश, कोरल रीफ, ऑक्टोपस, अल्बीनो पेंग्लासियुस, कोई देखने को मिलेगी।