30 फीसदी शावक पुख्त अवस्था तक एशियाई शेर एक टेरिटोरियल प्राणी है। एक शेर के क्षेत्र में 1 से 3 शेरनी रहती हैं। एक बार में शेरनी सामान्य रूप से 1 से 4 शावकों को जन्म देती है। एशियाई शेरनी की गर्भावस्था 110 दिनों की होती है। सामान्य परिस्थितियों में शेरनी 20 से 24 महीने के अंतराल के बाद फिर से गर्भ धारण करती है। नए जन्मे शावकों में से औसत 25 फीसदी से 30 फीसदी शावक पुख्त अवस्था तक पहुंचते हैं जबकि 70 से 75 फीसदी शावक बाल्यावस्था में ही विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक व अप्राकृतिक कारणों से मौत पाते हैं। एशियाई शेरों के कैट प्रजाति के सभी वन्य प्राणियों में वार्षिक 5 से 7 फीसदी वृद्धि दर से खूब अच्छी वृद्धि दर मानी जाती है।
गुजरात के गिर जंगल को एशियाई शेरों का एकमात्र शरणगाह माना जाता है। मई 2015 की गणना के मुताबिक राज्य में एशियाई शेरों की संख्या 523 है। वर्ष 2010 में यह संख्या 410 थी। गुजरात उच्च न्यायालय ने एशियाई शेरों की अचानक मौत पर संज्ञान लेेते हुए राज्य सरकार स नाराजगी जताई थी। राज्य सरकार ने गत मार्च में विधानसभा में यह स्वीकार किया था कि गुजरात में वर्ष 2016 व 2017 में 182 शेरों की मौत हुुई थी।
पांच वर्षों में होती है शेरों की गणना गुजरात में हर पांच वर्षों में एक बार शेरों की गणना होती है। अंतिम बार वर्ष 2015 में शेरों की गणना की गई थी। इसके तहत 523 शेर थे। इनमें 109 नर शेर, 201 मादा शेर, 73 पुख्त व 140 शावक शामिल हंैं।
वर्ष शेरों की संख्या वृद्धि (फीसदी में)
2015 ५२३ २७.२५
2010 ४११ १४.४८
2005 ३५९ दो वर्षो में मौत के कारण वर्ष प्राकृतिक मौत अप्राकृतिक मौत कुल मौत
2017-18 ५१ १८ ६९
2016-17 ८० १९ ९९
2015 ५२३ २७.२५
2010 ४११ १४.४८
2005 ३५९ दो वर्षो में मौत के कारण वर्ष प्राकृतिक मौत अप्राकृतिक मौत कुल मौत
2017-18 ५१ १८ ६९
2016-17 ८० १९ ९९