प्रशान्त की इस समय 21 साल दस माह की उम्र है। पहली बार पटवारी भर्ती परीक्षा वर्ष 2012 में दी, जिसमें वे जिले में प्रथम मैरिट पर रहे। इसके बाद वर्ष 2013-14 में तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा दी, जिसमें जिले में पहले स्थान पर रहे। फिर वर्ष 2014 में द्वितीय श्रेणी अध्यापक परीक्षा दी। उसमें पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान पर आए। इसी साल 2014 में प्रथम श्रेणी व्याख्याता अंग्रजी की परीक्षा में पूरे प्रदेश में 13वें स्थान पर रहे हैं। वर्तमान में प्रशान्त राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बहादुरपुर में अंग्रेजी के व्याख्याता पद पर कार्यरत हैं।
अब बच्चों को बना रहे अव्वल
अब उन्होंने पांचवी परीक्षा आरएएस प्री. की दी, जिसमें भी उत्र्तीण हुए हैं। इस तरह प्रशांत ने कम उम्र में कई परीक्षाओं में अव्वल आए हैं। उनका लक्ष्य प्रशासनिक सेवा में जाकर अवसरहीन परिवारों के बच्चों को आगे बढ़ाना है। इस उद्देश्य में वे अभी से लगे हुए हैं।
खास बात ये है कि बहादुरपुर गांव में सरकारी स्कूल के अलावा अन्य बच्चों को नि:शुल्क अतिरिक्त कक्षाओं में अंगे्रजी अध्ययन कराते हैं। साथ ही स्पोकन इंग्लिश भी सिखा रहे हैं। उनका कहना है कि जल्दी इस सरकारी स्कूल के बच्चे अंग्रेजी वाद-विवाद में निजी स्कूल के बच्चों को भी पीछे छोड़ देंगे। परीक्षा के समय भी अलग से कक्षाएं लेते हैं।
यूसीएसआर सफलता का मंत्र बताया
प्रशान्त कहते हैं उनकी सफलता का मंत्र यूसीएसआर है, जो उन्होंने खुद बनाया है। यू से मतलब अण्डरस्टैण्डिंग (जिज्ञासु होकर किसी विषय को समझना), सी का मतलब कैम्पेरिजन (तुलना करना), एस का मतलब समराइजेशन (किताब का संक्षिप्तिकरण करना) और आर का मतलब रिवीजन (दोहराना)। इसे जीवन में उतारने वाला कभी भी असफल नहीं हो सकता।