जाड़ेजा ने बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि निवृत्त पीएसआइ के जरिए लगाए जा रहे आरोपों से भाजपा और गुजरात को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। जाड़ेजा ने बयान में कहा कि राकेश अस्थाना 2011 से 2016 के दौरान सूरत के पुलिस आयुक्त रहे। उनके इस कार्यकाल के दौरान एक पैसा पुलिस वेल्फेयर फंड से भाजपा में जमा नहीं कराया गया। सूरत के एक निवृत्त पीएसआइ की ओर से इस बाबत लगाए गए आरोपों की सूरत पुलिस आयुक्त कार्यालय के रिकॉर्ड के आधार पर जांच कराई गई, उसमें यह तथ्य सामने आया है। आरोप बेबुनियाद हैं। इस खुलासे से यह भी साबित हो गया है कि निवृत्त पीएसआइ के जरिए भाजपा और गुजरात को बदनाम किया जा रहा है। ऐसा करने वाले लोग भी बेनकाब हुए हैं।
जाड़ेजा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बिना किसी आधार के इस प्रकार की खबरों को फैलाकर भाजपा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन विकास की राजनीति ऐसे सभी प्रयासों को विफल कर देगी। गौरतलब है कि सूरत के एक सेवानिवृत्त पीएसआइ ने सीबीआइ को इ-मेल भेजकर यह आरोप लगाया था।
आरोप गलत : पुलिस आयुक्त
सूरत शहर पुलिस आयुक्त सतीष शर्मा ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि वेलफेयर फंड के दस्तावेजों की जांच की गई है। इस संबंध में लगाए गए आरोप गलत हैं। ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के कार्यकाल में 20 करोड़ रुपए भाजपा पार्टी के फंड में दिए गए।
आंगडिय़ा पेढ़ी से २५ लाख की लूट का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार
जूनागढ़ जिले के माणावदर में आंगडिय़ा पेढ़ी से २०-२५ लाख रुपए की लूट का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने लूट गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है।पुलिस के अनुसार आरोपियों में सबूरभाई जोखलाभाई मैडा व पप्पू शंकरभाई मैडा शामिल हैं, जो मूलरूप से उत्तरप्रदेश के झाबुआ जिले की कुंदनपुर तहसील के पिटोल गांव के रहने वाले हैं एवं उपलेटा तहसील के भायावदर अरणी रोड गोलाई में रहते थे। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने आंगडिय़ा पेढ़ी से लूट की बात कबूल की है। दोनों ने साथियों के साथ लूट की वारदात को अंजाम दिया और भायावदर पडवला रोड पर लूट के रुपए का बंटवारा किया था। स्थल से १२ लाख ५७ हजार ७८० रुपए, बाइक व दो मोबाइल बरामद किए हैं।
यह है मामला :
माणावदर क्षेत्र स्थित आंगडिय़ा पेढ़ी के कर्मचारी पर हमला किया और उससे २०-२५ लाख रुपए को लूट ले गए थे। इस दौरान राजकोट ग्राम्य की भायावदर पुलिस ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर भायावदर अरणी गोलाई के निकट खड़ी बाइक पर २६ अक्टूबर को गश्त शुरू की और दो दिन बाद बाइक के साथ दोनों को गिरफ्तार कर लिया।