script

मंदिर के ट्रस्टी, साध्वी सहित चार लोगों की हत्या में वांछित आरोपी 16 वर्ष बाद गिरफ्तार

locationअहमदाबादPublished: Aug 13, 2020 08:40:56 pm

ATS Gujarat, Kadi murder, Accused, Delhi, temple गुजरात एटीएस की कार्रवाई, सरकार ने घोषित किया था 51000 का इनाम, कड़ी में हुई थी वारदात, दिल्ली से गिरफ्तारी

मंदिर के ट्रस्टी, साध्वी सहित चार लोगों की हत्या में वांछित आरोपी 16 वर्ष बाद गिरफ्तार

मंदिर के ट्रस्टी, साध्वी सहित चार लोगों की हत्या में वांछित आरोपी 16 वर्ष बाद गिरफ्तार

अहमदाबाद. गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की टीम ने मेहसाणा जिले की कड़ी तहसील के उटवा गांव स्थित महाकाली मंदिर में ट्रस्टी और साध्वी सहित 4 लोगों की हत्या कर फरार हुए आरोपी गोविंद सिंह उर्फ महेंद्र सिंह यादव को 16 वर्ष बाद दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। आरोपी पर राज्य सरकार ने 51000 का ईनाम घोषित किया था।
गुजरात एटीएस के अनुसार यह घटना 2 अप्रेल 2004 की मध्यरात्रि हुई। कड़ी तहसील के उटवा गांव के महाकाली माता मंदिर में ही कुछ दिन पहले रहने आए यादव ने लूट के इरादे से इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। उसे जानकारी थी कि उटवा गांव के मूल निवासी व मंदिर के ट्रस्टी चिमन पटेल (70) अमरीका में बसे हैं। उनके पास लाखों की रकम होती है इसलिए उसने उनकी हत्या की साजिश रची। यादव ने रोहित सिंह बनकर धारिया खरीदा। पहले उसने मंदिर के सेवक मोहन लुहार (45) की सोते समय हत्या की। फिर पूजा की तैयारी कर रही साध्वी समतानंद पूर्णानंद सरस्वती (35) की बाथरूम में हत्या कर दी। इस दौरान अन्य सेवक करमण रावलिया के जगने पर उसकी भी हत्या कर दी। फिर ट्रस्टी चिमन पटेल की भी हत्या कर दी। इसके बाद मंदिर से 10 लाख के जेवरात, नकदी, अन्य वस्तुओं को लूट कर पत्नी राजकुमारी के साथ फरार हो गया।
20 दिन पहले ही रहने आया था मंदिर

आरोपी वारदात से 20 दिन पहले ही मंदिर में पत्नी के साथ रहने आया था। वह मूल रूप से मध्यप्रदेश के दतिया जिले की भांडेर तहसील के सीमथरा गांव का रहने वाला है। पड़ोस में रहने वाली राजकुमारी को भगा कर गुजरात आया था। पहले उसने वडोदरा में नौकरी की फिर कड़ी में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था।
पहचान छिपाने को बदलता ठिकाने, फर्जी नाम बताता

वारदात के बाद कड़ी से जयपुर, झांसी, उरई और दिल्ली गया। इन जगहों पर वह दिहाड़ी मजदूरी करता था। दिल्ली में पत्नी चाय की दुकान चलाती और खुद कॉन्ट्रेक्टर का काम करता था। सूचना मिलने पर एटीएस पीआई सी आर जादव, आर के राजपूत व उनकी टीम के सदस्यों ने आरोपी को दिल्ली से गिर तार कर लिया। शातिर आरोपी पहचान छिपाने को फर्जी नाम बताता और मकान बदलता रहता था।

ट्रेंडिंग वीडियो