९५ फीसदी झुलसने से वेंटीलेटर
अहमदाबाद. पाटण के कलक्टर कार्यालय परिसर में गुरुवार को आत्महत्या का प्रयास करने वाले ऊंझा के सामाजिक कार्यकर्ता भानुभाई वणकर ने शुक्रवार रात को दम तोड़ दिया। उन्हें गंभीर हालत में गांधीनगर स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उन्होंने शुक्रवार रात लगभग साढ़े दस बजे दम तोड़ दिया। भानु भाई की मौत की खबर के बाद देर रात भीम
शक्ति सेना व अन्य संगठनों की ओर से ऊंझा बंद का ऐलान किया गया है।
ऊंझा निवासी भानुभाई वणकर ने जमीन के हक पाने के लिए पीडि़त के परिवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर गुरुवार को पाटण कलक्टर कार्यालय परिसर में खुद को ज्वलनशील पदार्थ डालकर आत्मदाह का प्रयास किया था। जिसमें गंभीर रूप से झुलसने से उन्हें धारपुर और महेसाणा के अस्पताल के बाद गुरुवार को गांधीनगर के निकट अपोलो अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वे ९५ फीसदी तक झुलस गए थे। भानूभाई वेंटीलेटर पर थे। आस्ट्रेलिया रह रहे भानुभाई के पुत्र भी रात को अहमदाबाद आ गए। भानु का अन्य एक पुत्र व दो बहुएं टीचर हैं। भानुभाई पटवारी से निवृत थे जो वर्तमान में सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते थे।
यह था मामला
मामले के अनुसार समी तहसील के दुदखा गांव निवासी हेमाबेन वणकर ने पाटण जिला कलक्टर को पत्र के जरिए जानकारी देकर मांग की थी कि उन्हें उनके गांव में लंबे समय से जमीन आवंटित करने की अटकी पड़ी प्रक्रिया को पूरा करते हुए जमीन का कब्जा सौंपा जाए। ऐसा नहीं होने की स्थिति में वह पूरे परिवार के साथ और सामाजिक कार्यकर्ता के साथ १५ फरवरी को पाटण जिला कलक्टर कार्यालय में आकर आत्मदाह करेगे।
जैसा कि पत्र में लिखा था हेमाबेन वणकर, सामाजिक कार्यकर्ता भानूभाई और उनके परिजनों के साथ कलक्टर कार्यालय पहुंचीं। वहां पर उन्होंने ‘न्याय के लिए भी आत्मदाहÓ बैनर के साथ प्रदर्शन किया। इसके बाद उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने केरोसीन डालकर कर खुद को आग लगाने की कोशिश की। मौजूद पुलिसकर्मियों ने बैनर ले लिया और खुद पर केरोसीन डालकर आत्मदाह की कोशिश करने वाले युवक को हिरासत में ले लिया। इस बीच ही सामाजिक कार्यकर्ता भानूभाई ने खुद के ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डालकर खुद को आग के हवाले कर दिया।