उन्होंने कहा कि पिछले ही हफ्ते ही 'आयुष आहारÓ नाम की एक नई कैटेगरी घोषित की है। इससे हर्बल पौषक तत्वों के उत्पादकों को बहुत सुविधा मिलेगी। भारत एक स्पेशल आयुष मार्क भी बनाने जा रहा है। भारत में बने उच्चतम गुणवत्ता के आयुष उत्पादों पर ये मार्क लगाया जाएगा। ये आयुष मार्क आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रावधानों से युक्त होगा। इससे विश्वभर के लोगों को गुणवत्तायुक्त आयुष उत्पादों का भरोसा मिलेगा।
मेडिकल टूरिज्म बन रहा है भारत मोदी ने कहा कि भारत मेडिकल टूरिज्म क्षेत्र में अन्य देशों के लिए श्रेष्ठ स्थल बन रहा है। इस क्षेत्र में भी निवेश के लिए अनेक संभावनाएं हैं। जहां भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है ऐसे में आगामी 25 वर्षों का अमृत काल दुनियाभर में परंपरागत दवाओं के क्षेत्रों में भारत का स्वर्णकाल साबित होगा। वैश्विक आयुष निवेश एवं नवाचार सम्मेलन का विचार कोविड-19 महामारी के दौरान आया था। जब आयुष लोगों में रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ाने में अहम साबित हुआ। आयुष उत्पादों की मांगों में बढ़ोतरी देखी गई।
प्रधानमंत्री ने आधुनिक फार्मा कम्पनियों एवं टीका उत्पादकों के कार्यों की सराहना करते कहा कि भारतीय फार्मा कम्पनियों को निश्चित समय पर निवेश मिला, जिससे तीव्रता से ही भारत में ही कोरोना टीका विकसित किया जा सका। नहीं तो कौन कल्पना कर सकता था कि इतनी जल्दी हम कोरोना की वैक्सीन विकसित कर पाएंगे?
आयुष में निवेश और नवाचार की असीम संभावनाएं उन्होंने कहा कि आयुष के क्षेत्र में निवेश और नवाचार की संभावनाएं असीमित हैं। आयुष दवाओं और कॉस्मेटिक्स के उत्पादन में अभूतपूर्व तेज़ी देखी जा रहे हैं। वर्ष 2014 में जहां आयुष क्षेत्र ं 3 बिलियन डॉलर से भी कम का था, जो अब ये बढ़कर 18 बिलियन डॉलर के भी पार हो गया है। आयुष मंत्रालय ने परम्परागत दवाओं के क्षेत्र में स्टार्टअप कल्चर को प्रोत्साहन देने के लिए कई बड़े कदम उठाएं हैं। कुछ दिन पहले ही ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के द्वारा विकसित एक इन्क्यूबेशन सेन्टर का उद्घाटन किया गया है। भारत में तो ये यूनिकॉन्र्स का दौर है। वर्ष 2022 में ही अब तक भारत के 14 स्टार्ट-अप्स, यूनिकॉर्न क्लब में जुड चुके हैं।
उन्होंने विश्वास जताया कि बहुत ही जल्द आयुष के स्टार्ट अप्स से भी यूनिकॉर्न उभर कर सामने आएंगे। बहुत जरूरी है कि मेडिसिनल प्लांट्स की पैदावार से जुड़े किसानों को आसानी से मार्केट से जुडऩे की सहूलियत मिले। इसके लिए सरकार आयुष ई-मार्केट प्लेस के आधुनिकीकरण और उसके विस्तार पर भी काम कर रही है।
'हिल इन इंडियाÓ बन सकता है बड़ा ब्रांड उन्होंने कहा कि केरला के पर्यटन को बढ़ाने में परंपरागत दवाओं ने मदद की। ये सामथ्र्य पूरे भारत में है और भारत के हर कोने में है। 'हिल इन इंडियाÓ इस दशक का बहुत बड़ा ब्रांड बन सकता है।