1.8 किलो ग्राम के स्वस्थ बच्चे को दिया जन्म
डॉ. मेहता ने बताया कि ऐसी स्थिति में महिला का ऑपरेशन कर प्रसूति करवाई गई। सफल सर्जरी से स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया गया, हालांकि प्रसूता को संक्रमण लगने के कारण उसकी तबीयत काफी चिन्ताजनक हो गई थी। तीन दिन तक आईसीयू में रखने के बाद महिला की जिन्दगी बच पाई थी। दो घंटे चले इस ऑपरेशन में अस्पताल के अन्य चिकित्सक डॉ. प्रेरक मोदी, डॉ. रिंकी अग्रवाल एवं अन्य जूनियर चिकित्सक मौजूद रहे। चिकित्सकों के अनुसार प्लेसेंटा के भाग को पेट में ही छोड़ा गया था। इसे निकालने में अधिक रक्तस्राव का खतरा था। इसके अलावा अन्य अंगों को नुकसान पहुंचने की आशंका थी। डॉ. मेहता का कहना है कि उनके29 वर्ष के कार्यकाल में पहली बार इस तरह का मामला देखा है। यह ऑपरेशन निशुल्क किया गया है।
डॉ. मेहता ने बताया कि ऐसी स्थिति में महिला का ऑपरेशन कर प्रसूति करवाई गई। सफल सर्जरी से स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया गया, हालांकि प्रसूता को संक्रमण लगने के कारण उसकी तबीयत काफी चिन्ताजनक हो गई थी। तीन दिन तक आईसीयू में रखने के बाद महिला की जिन्दगी बच पाई थी। दो घंटे चले इस ऑपरेशन में अस्पताल के अन्य चिकित्सक डॉ. प्रेरक मोदी, डॉ. रिंकी अग्रवाल एवं अन्य जूनियर चिकित्सक मौजूद रहे। चिकित्सकों के अनुसार प्लेसेंटा के भाग को पेट में ही छोड़ा गया था। इसे निकालने में अधिक रक्तस्राव का खतरा था। इसके अलावा अन्य अंगों को नुकसान पहुंचने की आशंका थी। डॉ. मेहता का कहना है कि उनके29 वर्ष के कार्यकाल में पहली बार इस तरह का मामला देखा है। यह ऑपरेशन निशुल्क किया गया है।