बांभणिया ने हार्दिक पर लगाया जेडीयू से मिलकर राजनीति करने का आरोप
अहमदाबादPublished: Oct 27, 2018 06:59:13 pm
जेडीयू से मिलकर गुजरात में थर्ड फ्रंट बनाने की कोशिश,जेडीयू महासचिव प्रशांत किशोर से दिल्ली व बैंग्लूरु में मुलाकात, बैंग्लुरू में उपचार, रहने-खाने का ३.६० लाख का खर्च किशोर के उठाने का दावा
बांभणिया ने हार्दिक पर लगाया जेडीयू से मिलकर राजनीति करने का आरोप
अहमदाबाद. पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के संस्थापक सदस्य व हार्दिक पटेल के पूर्व साथी रहे दिनेश बांभणिया ने शनिवार को संवाददाता सम्मलेन करके हार्दिक पटेल पर फिर संगीन आरोप लगाए।
हार्दिक की ओर से अगस्त में किए गए १९ दिन के उपवास आंदोलन को राजनैतिक षडयंत्र के तहत किया गया नाटक बताते हुए आरोप लगाया कि हार्दिक पटेल ने जनता दल (युनाइटेड) के साथ मिलकर ऐसा किया है। लोकसभा चुनाव २०१९ के दौरान गुजरात में भाजपा को ज्यादा नुकसान ना हो और कांग्रेस को फायदा ना हो इसके लिए जदयू के साथ मिलकर गुजरात में थर्ड फ्रंट बनाने की कोशिश कर रहे होने का आरोप लगाया।
इसके लिए २२ सितंबर की शाम को बैंग्लूरु और २३ अक्टूबर को दिल्ली में दो बार जदयू के महासचिव प्रशांत किशोर के साथ हार्दिक की मुलाकात हुई होने का भी बांभणिया ने दावा किया। बांभणिया ने होटल की बुकिंग व पेमेन्ट की रसीद, कमरा नंबर, सीसीटीवी फुटेज की जानकारी उनके पास होने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि हार्दिक पटेल के बैंग्लुरू में उपचार, रहने-खाने का पूरा ३.६० लाख रुपए का खर्च जेडीयू के महासचिव प्रशांत किशोर की ओर से वहन किया गया है। जिस जगह वो रुका था उसका दैनिक किराया ३६ हजार रुपए था। इसके अलावा हार्दिक पटेल की ओर से ५० हजार रुपए के खर्च से मसाज कराने का भी आरोप लगाया। किडनी के उपचार के लिए दिल्ली पहुंचने के दौरान हार्दिक पटेल की ओर से गरबा किए जाने का वीडियो भी बांभणिया ने मीडिया के सामने जारी किया। यह सितंबर महीने का है।
बांभणिया ने हार्दिक पटेल पर पाटीदारों को ओबीसी का आरक्षण दिलाने के आंदोलन को भूलने और साथी अल्पेश कथीरिया की जेल से रिहाई की कोशिश नहीं करने का आरोप लगाते हुए पास से इस्तीफा देने की मांग की।
बांभणिया ने आरोप लगाया कि जदयू केन्द्र में भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रही है। ऐसे में कहीं न कहीं इस समझौते में भाजपा का भी हार्दिक पटेल समर्थन कर रहा हो ऐसा उन्हें लगता है। क्योंकि बैंग्लूरू से उपचार कराकर लौटने के बाद हार्दिक ने आरक्षण आंदोलन के लिए और अल्पेश की रिहाई के लिए कोई कार्यक्रम नहीं किया। 31 अक्टूबर को जूनागढ़ के वंथली में खेडूत सत्याग्रह का जो कार्यक्रम घोषित किया है वह भी पास की बैठक बुलाए बिना किया है।