अहमदाबाद

पुराने चेहरों पर विश्वास, पाटीदारों पर दारोमदार

सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को 70 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री

अहमदाबादNov 18, 2017 / 06:09 am

मुकेश शर्मा

Believers on old faces, on the backwaters

अहमदाबाद।सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को 70 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी सहित राज्य के 1५ मंत्रियों तथा वरिष्ठ नेताओं को इस सूची में जगह दी गई है। ये सभी अपनी परंपरागत सीटों से चुनाव लड़ेंगे। इस पहली सूची में पहले चरण के ४५ और दूसरे चरण के २५ उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। राज्य में पहले चरण के चुनाव 9 दिसम्बर और दूसरे चरण के चुनाव 14 दिसम्बर को होंगे। पहले चरण में 9 दिसम्बर को 89 सीटों पर चुनाव होने हैं।

पहली सूची में अभी 31 प्रत्याशियों के नाम बाकी हैं। भाजपा ने काफी सोझ समझकर जीत की संभावना वाले उम्मीदवारों को ही टिकट दिया है। पार्टी ने अब तक की नो रिपीट थ्योरी से अलग हटकर ‘रिपीट थ्योरी’ अपनाते हुए 49 वर्तमान विधायकों को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं 16 नए चेहरे को भी टिकट दिया है। सिर्फ एक महिला विधायक वर्षाबेन दोशी (वढवाण) का पत्ता काटा है। इस सूची में चार महिलाएं शामिल हैं। पाटीदारों की नाराजगी को देखते हुए पार्टी ने 15 पाटीदार प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया है।

कांग्रेस के पांच बागियों को टिकट

उधर, पार्टी ने ऐसे चार लोगों को ईनाम के तौर पर टिकट दिया है जो कांग्रेस से पाला बदलकर भाजपा में आए थे।कांग्रेस के इन पांच बागी उम्मीदवारों में राघवजी पटेल, धमेन्द्र सिंह जाडेजा, सी.के. राउलजी, रामसिंह परमार और मानसिंह चौहाण शामिल हैं। इन सभी ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया था।दो दिन पहले आईपीएस अधिकारी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके आईपीएस अधिकारी पी सी बरंडा के रूप में भाजपा ने नया चेहरा मोडासा से उतारा है। भाजपा की ओर से जारी सूची में दोनों चरणों के उम्मीदवारों के नाम हैं।

चर्चित चेहरे परंपरागत सीटों से लड़ेंगे

रुपाणी जहां राजकोट पश्चिम सीट से चुनाव लड़ेंगे वहीं नितिन को पाटीदारों के गढ़ मेहसाणा से टिकट मिला है वहीं वाघाणी भावनगर पश्चिम सीट से लड़ेंगे। मंत्रियों में शंकर चौधरी वाव से, केशाजी चौहाण दियोदर से, दिलीप ठाकोर चाणस्मा, भूपेन्द्रसिंह चुडास्मा धोलका से, जयेश रादडिया जेतपुर से , चिमन सापरिया जामजोधपुर से, जशा बारड सोमनाथ से, परषोत्तम सोलंकी भावनगर ग्रामीण से, आत्माराम परमार गढड़ा से, जयद्रथ सिंह परमार हालोल से, बचूभाई खाबड़ देवगढ़बारिया से, राजेन्द्र त्रिवेदी रावपुरा से, गणपत वसावा मांगरोल से लड़ेंगे।

15 पाटीदार, 25 ओबीसी उम्मीदवार :
भाजपा ने पहली सूची में जहां 15 पाटीदार हैं, वहीं 25 ओबीसी पर किस्मत आजमाई है। ०4 अनुसूचित जाति और 11 उम्मीदवार अनुसूचित जनजाति से हैं। ०8 क्षत्रियों के अलावा मुख्यमंत्री रुपाणी सहित दो जैन उम्मीदवार हैं, वहीं मंत्री त्रिवेदी सहित दो ब्राह्मण चेहरे भी हैं। एक मराठी, एक अनाविल और एक लुहाणा उम्मीदवार हैं।

पाटीदार और ओबीसी पर भरोसा

उदय पटेल

सत्ताधारी भाजपा की ओर से गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए जारी की गई पहली सूची में पाटीदारों और ओबीसी का खासा वर्चस्व दिखा। माना जा सकता है कि पहली सूची में शामिल 15 पाटीदारों को टिकट मिलना करीब ढाई वर्षों से आरक्षण की मांग को लेकर नाराज बताए जा रहे पाटीदार समुदाय को रिझाने का बड़ा प्रयास है। वहीं, अल्पेश ठाकोर के नेतृत्व में ओबीसी समाज भी पिछले कुछ समय से आंदोलनरत था। इस आंदोलन का भी असर भाजपा की पहली सूची में दिखता है। पार्टी ने 25 ओबीसी उम्मीदवारों पर अपना भरोसा जताया है। पहली सूची को देखकर ऐसा लगता है कि भाजपा ने कांग्रेस के कथित ‘पोडा’ (पटेल, ओबीसी, दलित, आदिवासी) समीकरण को ध्यान में रखकर प्रत्याशी उतारा है। जबकि इस फार्मूल पर कांग्रेस भी आंदोलनकारियों क ो साथ लेकर कार्य कर रही है।

उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से यह पूछे जाने पर कि पहली सूची में पाटीदार इफेक्ट का असर दिखता है, इस पर पटेल ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है। पाटीदारों और ओबीसी के साथ-साथ दलित और आदिवासी प्रत्याशियों पर भी भाजपा ने भरोसा जताया है। भाजपा ने सभी वर्गों व समुदायों का ध्यान रखा है।

दोशी का टिकट काटा दिया पाटीदार को

राज्य में करीब 15 फीसदी पाटीदारों का अपना राजनीतिक प्रभुत्व है। हार्दिक पटेल के नेतृत्व में जारी आंदोलन के कारण नाराजगी को भाजपा ने टिकट देकर साधने का प्रयास किया है। सुरेन्द्रनगर जिले की वढवाण सीट से महिला विधायक वर्षाबेन दोशी की जगह पाटीदार को मैदान में उतारा गया है। वहीं राज्य में सबसे ज्यादा करीब 50 फीसदी आबादी ओबीसी समुदाय की है, इसलिए ओबीसी को लेकर भी भाजपा ने सोचकर अपने प्रत्याशी उतारे हैं।

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