अहमदाबाद

पूर्व विधायक कोटडिया 7 दिन के रिमाण्ड पर

-बिटकॉइन प्रकरण
-क्राइम ब्रांच महाराष्ट्र के धुलिया से किया था गिरफ्तार

अहमदाबादSep 10, 2018 / 10:28 pm

Uday Kumar Patel

पूर्व विधायक कोटडिया 7 दिन के रिमाण्ड पर

 
अहमदाबाद. विशेष अदालत ने करोड़ों के बिटकॉइन वसूली प्रकरण में गिरफ्तार पूर्व विधायक नलिन कोटडिया को 7 दिनों के रिमाण्ड पर सीआईडी क्राइम को सौंप दिया। क्राइम ब्रांच ने सूरत के बिल्डर शैलेष भट्ट व उसके साथी के अपहरण और १२ करोड़ के १७६ बिटकॉइन जबरन ट्रांसफर करा लेने के मामले में लंबे समय से वांछित चल रहे पूर्व विधायक कोटडिया को रविवार को महाराष्ट्र के धुलिया जिले के अमलनेर से गिरफ्तार किया था। वे पिछले कई महीनों से फरार चल रहे थे।
सीआईडी क्राइम ने आरोपी को मंगलवार को विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी से पुलिस के खिलाफ शिकायत के बारे में और वकील के बारे में पूछा। इस पर कोटडिया ने कहा कि पुलिस के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है वहीं वकील को जानकारी नहीं दी है। उधर जांच एजेंसी ने कोटडिया से पूछताछ के लिए 10 दिनों के रिमाण्ड की मांग की।
कोटडिया ही मुख्य आरोपी :सीआईडी क्राइम

विशेष सरकारी वकील अमित पटेल व वर्षा किरण राव ने दलील दी कि इस प्रकार में कोटडिया ही मुख्य आरोपी है। फरवरी 2018 की इस घटना में आरोपी किरीट पालडिया, केतन पटेल, जतिन पटेल के साथ कोटडिया की भी अहम भूमिका थी। इस संबंध में आरोपी बातें नहीं बता रहा है। अपराध के बाद और पहले आरोपी ने किन-किन लोगों से बातचीत की?
जांच एजेंसी की ओर से यह भी दलील दी गई कि आरोपी गत पांच महीने से फरार था और इसमें उसकी किन-किन लोगों ने किस तरह से मदद की। आरोपी के इस अपराध में शामिल होने को लेकर तकनीकी सबूत है। इस मामले में शुरुआत से लेकर अंत तक आरोपी की भूमिका रही है। आरोपी ने गैरकानूनी रूप से लाभ लेकर किसे कितना हिस्सा दिया? आरोपी पालडिया ने कोटडिया के कहने पर आंगडिय़ा पेढ़ी के मार्फत 25 लाख रुपए नमन दूधात को भिजवाए थे और यह रकम नमन ने राजकोट के ननकूभाई को भिजवाए थे। दोनों जगहों से इस संबंध मेंं पुर्जे मिले है और रकम भी जप्त की गई है। इसके अलावा इस मामले में रकम की हेराफेरी किस तरह से की गई। कोटडिया इस मामले के अन्य आरोपियों की संलिप्तता के बारे में जवाब नहीं दे रहे हैं। 32 करोड़ के हवाला की राशि रद्द किए जाने के बाद कोटडिया ने केतन व जतिन के साथ क्या बातचीत की? इस प्रकरण के दौरान आरोपी ने दो मोबाइल फोन का उपयोग किया, लेकिन गिरफ्तारी के समय आरोपी के पास से कोई मोबाइल नहीं मिला है। इन सभी सवालों के बारे में आरोपी से पूछताछ करनी है। इसके लिए जांच एजेंसी को दस दिनों के रिमाण्ड की जरूरत है।
नेताओं-उद्योगपतियों के खिलाफ सबूत, हत्या का रचा गया था षडयंत्र : कोटडिया

उधर कोटडिया ने अदालत के समक्ष स्वयं दलील दी कि पुलिस ने उन्हें कोई फोन नहीं करने दिया। वे डाइबिटीज व ब्लड प्रेशर के मरीज हैं। इस मामले में उन्हें गलत रूप से फंसाया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके पास नेताओं व उद्योगपतियों के खिलाफ सबूत होने के कारण उनकी हत्या का षडयंत्र रचा गया था। इससे बचने के लिए वे फरार थे।
इसके बाद दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के विशेष न्यायाधीश पी. जे. तमाकूवाला ने आरोपी को 17 अप्रेल तक पुलिस रिमाण्ड पर सौंपा।

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