scriptकिसानों को 1947 के बाद पहली बार मिली आजादी – पाटिल | BJP's Kisan Sammelan | Patrika News

किसानों को 1947 के बाद पहली बार मिली आजादी – पाटिल

locationअहमदाबादPublished: Dec 17, 2020 11:54:53 pm

Submitted by:

Gyan Prakash Sharma

भाजपा ने कृषि कानूनों पर जानकारी देने के लिए आयोजित किया किसान सम्मेलन

किसानों को 1947 के बाद पहली बार आजादी मिली- पाटिल

किसानों को 1947 के बाद पहली बार आजादी मिली- पाटिल

बारडोली. बारडोली के स्वराज आश्रम मैदान में गुरुवार को आयोजित किसान सम्मेलन में किसानों से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में कृषि कानून के बारे मार्गदर्शन देते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा कि किसानों को गलत बातें बताकर भ्रमित किया जा रहा है। किसानों का गलत उपयोग करने का प्रयासे कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियां कर रही हैं।

सम्मेलन में सूरत के अलावा तापी, भरुच और नर्मदा जिले के किसान उपस्थित रहे। दिल्ली में जारी किसान आंदोलन को ध्यान में रखते हुए नए कानूनों के बारे में किसानों को जागृत करने और मार्गदर्शन देने के लिए यह समेलन आयोजित किए जा रहे हैं। हालांकि गुरुवार को बारडोली में आयोजित कार्यक्रम में किसानों से ज्यादा भाजपा के कार्यकर्ता दिखाई दिए। सम्मेलन में कानून के फायदे बताते हुए पाटिल ने कहा कि आंदोलन सिर्फ दो राज्यों में ही चल रहा है। अन्य राज्य के किसान आंदोलन में नहीं जुड़े हैं, क्योंकि अन्य राज्य के किसान कानून को लेकर जागरूक हैं। उन्होंने पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि सबसे ज्यादा समय तक कृषि मंत्री रहने के साथ वे सबसे असफल कृषि मंत्री रहे हैं।

उन्होंने किसान के हित में कोई अच्छे कदम नहीं उठाए। उन्होंने स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश को लेकर कहा कि वर्षों तक कांग्रेस ने ही सिफारिश लागू नहीं होने दी। आज मोदी सरकार ने लागू की है। मोदी ने सिर्फ किसानों का हित देखा है। किसानों को 1000 रुपए की लागत के सामने 1500 रुपए मिले इसके लिए ही यह कानून बनाया गया है। देश के किसानों को 1947 से अब तक गुलामी में ही रखा गया था। इस गुलामी से नरेंद्र मोदी ने मुक्ति दिलाई है।
पाटिल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी जमकर बरसे। उन्होंने उनकी तुलना एक शहर के मेयर के समकक्ष की। केजरीवाल पेपर टाइगर बनने का प्रयास कर रहे हैं। राहुल गांधी और केजरीवाल को ग्वार क्या है इस बारे में जानकारी नहीं और कृषि कानूनों का विरोध करने निकल पड़े है।
गाइड लाइन से अधिक लोग


सम्मेलन में सरकार की गाइड लाइन से ज्यादा लोग उपस्थित रहे। इससे भाजपा की दोहरी नीति को लेकर लोगों में आक्रोश देखने मिला। सरकार ने गाइड लाइन जारी कर शादी जैसे प्रसंगों में सिर्फ 100 लोगों को ही मंजूरी देने का तय किया है। जबकि भाजपा द्वारा किए गए कार्यक्रम को कैसे मंजूरी मिली इस बात को लेकर भी लोगों में चर्चा होती रही।
जिला प्रमुख को बना दिया विधायक

किसान सम्मेलन को लेकर सूरत जिला भाजपा द्वारा तैयार किए गए बैनरों में जिला भाजपा प्रमुख संदीप देसाई को विधायक बना दिया गया। इस बात को लेकर मौके पर हास्यास्पद स्थिति हो गई।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो