scriptblood will not be wasted even in heart transplant | दक्षिण एशिया में पहली बार हृदय के ट्रांसप्लांट में भी व्यर्थ नहीं बहेगा खून | Patrika News

दक्षिण एशिया में पहली बार हृदय के ट्रांसप्लांट में भी व्यर्थ नहीं बहेगा खून

locationअहमदाबादPublished: Jan 31, 2023 10:35:47 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

 

अहमदाबाद के अस्पताल में उपयोग की जाएगी अनूठी तकनीक

दक्षिण एशिया में पहली बार  हृदय के ट्रांसप्लांट में भी व्यर्थ नहीं बहेगा खून
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अहमदाबाद. आमतौर पर हृदय के ट्रांसप्लांट Heart Transplant के लिए पांच से छह यूनिट रक्त की जरूरत होती है लेकिन अब एक नई तकनीक से ऐसे जटिल ऑपरेशन में एक बूंद रक्त व्यर्थ नहीं जाएगा। ऐसे में मरीज को अतिरिक्त रक्त की जरूरत नहीं होगी। आगामी दिनों में अहमदाबाद के एक अस्पताल में इस तरह के ऑपरेशन होंगे। यह तकनीक देश में ही नहीं बल्कि दक्षिण एशिया के किसी अस्पताल में भी पहली बार होगा।
अहमदाबाद स्थित मरेंगो सिम्स अस्पताल (Marengo Sims Hospital, Ahmedabad) में यह तकनीक आगामी दिनों में शुरू होगी। देश में हृदय के ट्रांसप्लांट की संख्या अब लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2014 तक देश में सिर्फ 53 हृदय ट्रांसप्लांट हुए थे जो अब बढकऱ कई गुना अधिक हो गई है। ऐसे में मरीज को रक्त चढ़ाने की जरूरत न हो तो न सिर्फ रक्त की बचत होगी बल्कि मरीज को इसंक्रमण लगने से भी काफी हद तक बचाव होगा। देश में पहली बार इस नई तकनीक के लिए मरेंगो सिम्स अस्पताल ने वेरफेन के साथ सहयोग किया है। आगामी दिनों में हृदय ट्रांसप्लान्ट इसी पद्धति से किया जाएगा। अस्पताल के सीईओ डॉ. राजीव सिंघल के अनुसार इस तकनीक से यह मरीज को काफी लाभ होगा। अस्पताल में हार्ट ट्रांसप्लांट करने वाले डॉ. धीरेन शाह ने बताया कि हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी में एलोजेनिक ब्लड ट्रांसफ्यूजन सामान्य बात है। अब नई तकनीक गेम चेंजर साबित होगी।
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