अहमदाबाद शहर के नरोडा क्षेत्र में रहने वाले धर्मेशभाई पटेल (42) को गत 26 जनवरी को ब्रेन स्ट्रोक होने पर क्षेत्र के ही एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां पांच दिन के उपचार के बाद भी हालत में कोई सुधार नहीं आया। उचित टेस्ट के परिणामों के बाद धर्मेशभाई को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। विपदा की इस कठिन घड़ी में धर्मेशभाई के परिजनों ने अंग दान कर दूसरों को जीवन देने का निर्णय किया। जिससे मरीज को सिविल अस्पताल लाकर लीवर, दो किडनी एवं आंखों का दान किया गया। इससे चार लोगों को नई जिन्दगी मिल सकी। बताया गया है कि लीवर और दोनों किडनी को तीन जरूरतमंद मरीजों मेें प्रत्यारोपित किया गया। इससे मरीजों को नया जीवन मिल सका है। इसके अलावा उनकी आंखों को भी दान में किया गया है। इस वर्ष के 35 दिनों में सिविल अस्पताल में चार मरीजों को ब्रेन डेड होने पर उनके अंग दान कर दस से अधिक लोगों को नया जीवन मिल सका है।
निजी अस्पताल से सिविल अस्पताल में लाकर दान करने का पहला मामला
स्टेट ऑर्गन एंड टिस्यु ट्रान्सप्लान्ट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के तहत इस वर्ष शहर में कई ब्रेन डेड मरीजों के अंगों का दान किया गया। अहमदाबाद सिविल अस्पताल में अन्य निजी अस्पताल से लाकर किसी के अंगों को दान किया गया है यह पहला मामला है। इस वर्ष अहमदाबाद सिविल अस्पताल में परिजनों की सहमति से चार मरीजों के अंगों को दान किया गया है। सोटो कार्यक्रम के अन्तर्गत यह संभव हो सका है।
डॉ. जयप्रकाश मोदी, चिकित्सा अधीक्षक, सिविल अस्पताल अहमदाबाद