सीबीआई में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार यह पता चला है कि के राजेश ने करीब २७१ हथियारों के लाइसेंस जारी किए। इनमें ३९ ऐसे थे जिन्हें जारी करने को लेकर पुलिस की ओर से नकारात्मक रिपोर्ट पेश की गई थी। जिससे पता चलता है कि हथियारों के लाइसेंस जारी करने को लेकर राजेश ने कथित रूप से रिश्वत ली थी। सुरेन्द्रनगर में जिला कलक्टर पद पर रहने के दौरान उन्होंने हथियार का लाइसेंस आवंटित करने के लिए मथुरभाई साकरिया से पांच लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। लेकिन यह मामला चार लाख पर सेटल हुआ। इसके बाद तीन लाख की राशि मथुरभाई ने राजेश को व्यक्तिगत रूप से दी थी। लाइसेंस के एवज में मसाज तेल और नकद रकम लेने के आरोप लगे। कुछ मामलों में तो रकम लेने के बावजूद हथियार का लाइसेंस नहीं दिए जाने की बात का पता चला है।