मेट्रो शहरों में कैंसर के मरीजों में से 25 से 32 फीसदी को ब्रेस्ट केंसर
अहमदाबाद. स्तन कैंसर लगातार बड़ी समस्या बन रहा है। इसके लिए जागरुकता अभियान जरूरी है। कुछ कदम उठाए जाएं तो इस बीमारी को समय रहते पकड़ा जा सकता है और मरीज के ठीक होने की पूरी संभावना होती है। ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति यह है कि हर चार मिनिट में देश की एक महिला को इस बीमारी की पुष्टि हो रही है। मेट्रो शहरों की बात की जाए तो सभी तरह के कैंसर के मरीजों में से ब्रेस्ट कैंसर की दर 25 से 32 फीसदी है। ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के उपलक्ष्य में शैल्बी अस्पताल की ओर से यह जानकारी दी गई।
अस्पताल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जानकारी दी गई है कि ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं की मृत्यु का बड़ा कारण बन रहा है। देश में पिछले वर्ष कुल 1.62 लाख महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर पाया गया और इस बीमारी की वजह से 87000 महिलाओं को जान गंवानी पड़ी। देश के अहमदाबाद जयपुर, बेंगलूरू, मुंबई, चेन्नई जैसे मेट्रो शहरों में सामने आने वाले कैंसर के मरीजों में से 25 से 32 फीसदी ब्रेस्ट कैंसर पीडि़त हैं। शैल्बी अस्पताल के विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में कैंसर के पचास फीसदी मरीज तीसरे एवं चौथे चरण में आने के कारण सर्वाइवल दर 60 फीसदी है जबकि अमरीका में सर्वाइवल दर इसलिए 80 फीसदी है कि वहां कैंसर को जल्द पकड़ लिया जाता है। प्रथम चरण में कैंसर की पहचान करने के लिए महिलाओं को खुद की जांच करनी चाहिए।