ट्यूमर का नाम सुनकर डर जाती हैं महिलाएं
आंकोलॉजी सेंटर में रेडियोलॉजी विभाग की डॉ. तेजल शाह का कहना है कि मेमोग्राफी और सोनोग्राफी के दौरान गांठ (ट्यूमर) की सुनकर महिलाएं सहम जाती हैं। जबकि हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता है। उनका कहना है कि मेमोग्राफी कराने वाली महिलाओं में से 42 से 50 फीसदी को ट्यूमर निकला है है और एक फीसदी से भी कम को कैंसर की पुष्टि होती है।
आंकोलॉजी सेंटर में रेडियोलॉजी विभाग की डॉ. तेजल शाह का कहना है कि मेमोग्राफी और सोनोग्राफी के दौरान गांठ (ट्यूमर) की सुनकर महिलाएं सहम जाती हैं। जबकि हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता है। उनका कहना है कि मेमोग्राफी कराने वाली महिलाओं में से 42 से 50 फीसदी को ट्यूमर निकला है है और एक फीसदी से भी कम को कैंसर की पुष्टि होती है।
खुद को जांचना महत्वपूर्ण
डॉ. तेजल शाह का कहना है कि प्रति माह महिलाओं को खुद को जांच करनी चाहिए। इससे भी संभावित ट्यूमर को पकड़ा जा सकता है और प्रारांभिक चरण में ही उपचार से पूर्ण रूप से ठीक हो सकता है। स्वत: जांच के लिए महिलाओं को खुलकर बातचीत करनी चाहिए। भारत में इसलिए ही मृत्युदर अधिक है कि यहां कैंसर के ज्यादातर मामले तीसरे और चौथे स्टेज में सामने आते हैं। प्रथम और दूसरे स्टेज पर कैंसर को पकड़ा जाए तो मृत्युदर में काफी कमी आ सकती है। इसके लिए 40 वर्ष से अधिक आयु की महिला को प्रति वर्ष मेमोग्राफी करवानी चाहिए।
डॉ. तेजल शाह का कहना है कि प्रति माह महिलाओं को खुद को जांच करनी चाहिए। इससे भी संभावित ट्यूमर को पकड़ा जा सकता है और प्रारांभिक चरण में ही उपचार से पूर्ण रूप से ठीक हो सकता है। स्वत: जांच के लिए महिलाओं को खुलकर बातचीत करनी चाहिए। भारत में इसलिए ही मृत्युदर अधिक है कि यहां कैंसर के ज्यादातर मामले तीसरे और चौथे स्टेज में सामने आते हैं। प्रथम और दूसरे स्टेज पर कैंसर को पकड़ा जाए तो मृत्युदर में काफी कमी आ सकती है। इसके लिए 40 वर्ष से अधिक आयु की महिला को प्रति वर्ष मेमोग्राफी करवानी चाहिए।
डेढ सौ महिलाओं की मेमोग्राफी पेप टेस्ट निशुल्क
डॉ. गीता जोशी ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के उपलक्ष्य में कम्युनिटी ऑन्कोलॉजी सेंटर में 150 जरूरतमंद महिलाओं की मेमोग्राफी और पेप टेस्ट निशुल्क किए जाएंगे। इसके लिए अनुदान संस्था की ओर से दिया गया है। हर वर्ष नलिनी शाह फाउंडेशन तथा वनीता मेहता फाउंडेशन की ओर से दान की राशि दी जाती है। वर्ष 2018 इन संस्थाओं के सहयोग से चार सौ महिलाओं की निशुल्क जांच की गई उनमें से दो को कैंसर की पुष्टि हुई थी। उन्होंने कहा कि कम्युनिटी ऑन्कोलॉजी सेंटर में कैंसर संबंधित जांचें काफी राहतदर पर की जाती हैं। निजी अस्पतालों में दो से ढाई हजार रुपए में होने वाली मेमोग्राफी यहां आठ सौ रुपए में की जाती है।
डॉ. गीता जोशी ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के उपलक्ष्य में कम्युनिटी ऑन्कोलॉजी सेंटर में 150 जरूरतमंद महिलाओं की मेमोग्राफी और पेप टेस्ट निशुल्क किए जाएंगे। इसके लिए अनुदान संस्था की ओर से दिया गया है। हर वर्ष नलिनी शाह फाउंडेशन तथा वनीता मेहता फाउंडेशन की ओर से दान की राशि दी जाती है। वर्ष 2018 इन संस्थाओं के सहयोग से चार सौ महिलाओं की निशुल्क जांच की गई उनमें से दो को कैंसर की पुष्टि हुई थी। उन्होंने कहा कि कम्युनिटी ऑन्कोलॉजी सेंटर में कैंसर संबंधित जांचें काफी राहतदर पर की जाती हैं। निजी अस्पतालों में दो से ढाई हजार रुपए में होने वाली मेमोग्राफी यहां आठ सौ रुपए में की जाती है।