राज्य के बंदरगाह व परिवहन विभाग की बात करें तो भारत सरकार निर्मित एवं एनआईसी संचालित सारथी सॉफ्टवेयर एवं वाहन सॉफ्टवेयर के जरिए वाहन संबंधित सेवाएं मुहैया कराई जा रही है। इन सेवाओं में कई ऐसी सेवाएं हैं जो फेसलेस है, जिसमें आवेदकों को कार्यालय तक आने की आवश्यकता नहीं होती। राज्य सरकार सेवाओं के सरलीकरण को लेकर अधिकतम तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। राज्य के सभी आरटीओ और एआरटीओ पेपरलेस और डिजीटाइजेशन को प्रोत्साहित करने के लिए वाहनसंबंधित सेवाओं के लिए वाहन 4.0 सॉफ्टवेयर और लाइसेंस संबंधित सेवाओं के लिए सारथी 4.0 सॉफ्टवेयर लागू किया गया है।
राज्य के बंदरगाह व परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार दास के अनुसार आरटीओ एन्फोर्समेन्ट की प्रक्रिया को पारदर्शी, डिजीटाइज और ऑनलाइन पैमेन्ट की व्यवस्था के लिए मैन्युअल चलन के बजाय प्वाइन्ट ऑफ सेल (पीओएस) और हैण्ड हेल्ड डिवाइज की मदद से पुराने मैन्युअल मेमो बुक के बजाय ऑनलाइन ई-चलन जारी करने की व्यवस्था की है। गुजरात राज्य सड़क पहिवहन निगम मौजूदा समय में 34 लाख किलोमीटर का संचालन कर 25.18 लाख यात्रियों को सफर करा रहा है।
डिजीलॉकर को किया मान्य उन्होंने कहा कि राज्य में वाहनों के पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) एवं बीमा की प्रक्रिया को वाहन 4.0 के साथ इन्टीग्रेट कर पीयूसी और बीमा के प्रमाणपत्र और पॉलिसी को पेपरलेस किया गया है। एम-परिवहन एवं डिजीलॉकर में उपलब्ध आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस को एन्फोर्समेन्ट की प्रक्रिया के लिए दस्तावेज के तौर पर मान्य करने का निर्णय किया गया है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) , सहायक क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) से जारी किए जाने वाले शिखाऊ लाइसेंस की प्रक्रिया बंद कर डिसेन्ट्रलाइजेशन किया गया। जिला एवं तालुका में 221 आईटीआई और 29 पॉलिटेक्निक जारी किए गए है।