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अहमदाबाद-मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन…. एनएचएसआरसीएल की प्रवक्ता सुषमा गौर के मुताबिक साबरमती डिपो सबसे बड़ा डिपो होगा। यह मुख्य डिपो होगा, जो 80 हेक्टेयर क्षेत्र में बनेगा। यह ऐसा डिपो होगा, जो आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित होगा ताकि नियमित तरीके से बुलेट ट्रेनों का रखरखाव हो सके। यहां पर इंस्पेक्शन बे, वॉशिंग प्लान्ट, वर्कशॉप, शेड्स, स्टेबलिंग लाइन्स इत्यादि की व्यवस्था होगी। इस डिपो में अहमदाबाद-मुंबई लाइन के लिए ऑपरेशन कंट्रोल सेन्टर भी होगा। वहीं थाणे डिपो साठ हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा, जहां ट्रेनों की रखरखाव की साबरमती डिपो जैसी ही सुविधाएं होंगे। इसके अलावा सूरत में 60 हेक्टेयर क्षेत्र में फंक्शन डिपो बनेगा, जिसमें जापान से आने वाली ट्रेनें रखी जाएंगी और ट्रेनों के रखरखाव की मूलभूत सुविधाएं होंगे। ये डिपो जापान में सेन्डाई और कानाजावा डिपो की तर्ज पर बनेंगे। डिपो ऐसे बनेगा, जिसमें बारिश के पानी का संग्रह होगा और ट्रीटमेन्ट प्लान्ट (Treatment plant) के जरिए पानी शुद्ध किया जा सकेगा। यह ट्रीटमेन्ट प्लांट डिपो में बनाया जाएगा। पानी रिचार्ज करने के लिए रिचार्ज पिट्स भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा सूरत (Surat) और थाणे (Thane) डिपो में रिसाइक्लिंग और सिवरेज वॉटर की सुविधा भी होगी। वहीं बायो वेस्ट के अलावा हाईस्पीड ट्रेनों से निकलने वाले वेस्ट को ट्रेनों में एकत्रित किया जाएगा और बाद में सिवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट्स के जरिए डिपो में उसे ट्रीट किया जाएगा।