गुजरात में 956 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करना है तो उसमें करीब 780 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण हुआ है। जो करीब 82 फीसदी तक है। वहीं महाराष्ट्र में 431 हेक्टेयर भूमि में से सिर्फ 98 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया, जो सिर्फ 23 फीसदी है। वहीं दादरानगर हवेली में नौ हेक्टेयर में से 7 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण हो चुका है।
नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए काम करने वाली एजेंसी है, जो भारत सरकार के रेलवे मंत्रालय एवं राज्य सरकार की संयुक्त कंपनी है। एनएचएसआरसीएल का अधिकृत शेयर कैपिटल 20 हजार करोड़ रुपए का है, जिसमें भारत सरकार, गुजरात सरकार और महाराष्ट्र सरकार की शेयर होल्डिंग है। इसका अनुपात 50: 25: 25 का है। जापान इन्टरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी (JICA) की ओर से प्रोजेक्ट बनाने के लिए फंड दिया जाएगा, जो 50 वर्षों में 0.1 फीसदी की दर से पुनर्भुगतान करना है। हालांकि प्रोजेक्ट में विलंब होने से इसका खर्च भी बढ़ सकता है।
बुलेट ट्रेन के लिए आठ पहाड़ी सुरंग बनेंगी। फिलहाल इन सुरंगों को बनाने के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है। संभवत: यह पहाड़ी सुरंग दक्षिण गुजरात में बनाई जा सकती हैं। अहमदाबाद से मुंबई के 508 किलोमीटर लम्बे इस रेल कॉरिडोर में 463 किलोमीटर पर एलिवेटेड ट्रैक बनेगा। वहीं रास्ते में 27 स्टील पुल बनाए जाएंगे। 21.5 किलोमीटर में समुद्री सुरंग और आठ पहाड़ी सुरंग बनेंगी। नेशनल हाई स्पीड ने सुरंग बनाने के लिए निविदा प्रक्रिया जारी कर दी है। विरार से ठाणे के बीच बनने वाले सुरंग के लिए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का प्रयोग कर दोहरी हाई स्पीड रेलवे के लिए परीक्षण एवं संचालन सहित सुरंग निर्माण का कार्य किया जाएगा। समुद्र में यह टनल समुद्र और भूस्तर से 20 से 40 मीटर नीचे बिछाई जाएगी। वहीं महाराष्ट्र के शिलफाटा एवं बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स के बीच अंडरग्राउंड स्टेशन बनेगा।