तीन चरणों में होगा काम पहले चरण में 3200 मीटर लंबा रन-वे 4 ई- प्रकार के विमानों के लिए बनाया जाएगा। दूसरे चरण में इसी रन-वे को 3800 मीटर तक बढ़ाया जाएगा। तीसरे चरण में दूसरा रन-वे तैयार होगा।
राज्य सरकार ने इस एयरपोर्ट के विकास के लिए वर्ष 2012 में धोलेरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड (डीआईएसीएल) की स्थापना की थी। धोलेरा एयरपोर्ट के लिए 51 फीसदी शेयर पूंजी की हिस्सेदार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की रहेगी। गुजरात सरकार की 33 फीसदी और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट (एनआईसीडीआईटी) की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत होगी।
राज्य सरकार ने इस एयरपोर्ट के विकास के लिए वर्ष 2012 में धोलेरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड (डीआईएसीएल) की स्थापना की थी। धोलेरा एयरपोर्ट के लिए 51 फीसदी शेयर पूंजी की हिस्सेदार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की रहेगी। गुजरात सरकार की 33 फीसदी और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट (एनआईसीडीआईटी) की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत होगी।
पैसेंजर कार्गो दोनों की सुविधाएं इस एयरपोर्ट के जरिए एक तरफ पैसेंजर को सुविधाएं मिलेंगी वहीं दूसरी तरफ कार्गो की सुुविधा रहेगी। यह गतिशक्ति प्रोजेक्ट की दिशा में बड़ा कदम है। धोलेरा हवाई अड्डे को धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (डीएसआईआर) से यात्री और कार्गो यातायात मिलेगा। औद्योगिक क्षेत्र की सेवा के लिए इसके कार्गो का एक प्रमुख केन्द्र बनने की उम्मीद है। यह हवाई अड्डा नजदीकी क्षेत्र की जरूरतें भी पूरा करेगा। दिल्ली, मुंबई कोरिडोर में आठ तरह की नोड्स बननी है। इनमें एक धोलेरा भी है।
अहमदाबाद के दूसरे हवाई अड्डे के रूप में काम करेगा धोलेरा एयरपोर्ट अहमदाबाद के दूसरे हवाई अड्डे के रूप में काम करेगा। इससे पूरे प्रदेश के यात्रियों को लाभ मिलेगा। एयरपोर्ट को जोडऩे के लिए सिक्स-लेन एक्सप्रेस वे, रैपिड ट्रांजिट सिस्टम, ब्रॉडगेज रेलवे लाइन की सुविधा होगी। फ्रेट कोरिडोर फीडर लाइन का सिस्टम विकसित किया जा रहा है।
प्रारंभ में तीन लाख यात्रियों को मिलेगा लाभ धोलेरा में न्यू ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा अहमदाबाद हवाई अड्डे से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे के वर्ष 2025-26 से संचालन की योजना बनाई गई है। प्रारंभ में प्रति वर्ष 3 लाख यात्रियों के इस हवाई अड्डे का इस्तेमाल करने का अनुमान है। अगले 20 वर्षों की अवधि में 23 लाख प्रति वर्ष यात्रियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। वर्ष 2025-26 से हर वर्ष 20,000 टन माल यातायात का भी अनुमान है जो 20 वर्षों की अवधि में बढक़र 2,73,000 टन हो जाएगा।