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कैंसर, हृदय व बाल रोगों का उपचार सैकड़ों किलोमीटर दूर!

locationअहमदाबादPublished: Sep 20, 2018 11:00:32 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

मा एवं मा वात्सल्य योजना को लेकर कैग रिपोर्ट

Cancer, heart and pediatric diseases treatment 220 k.m.away

कैंसर, हृदय व बाल रोगों का उपचार सैकड़ों किलोमीटर दूर!

अहमदाबाद. राज्य सरकार भले ही मुख्यमंत्री अमृतम (मा) एवं मुख्यमंत्री अमृतम वात्सल्य योजना (एमएवी) योजना को लेकर तरह तरह के दावे करती हो लेकिन कैग की रिपोर्ट कुछ अलग ही स्थिति बयां कर रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैंसर, हृदय एवं बाल रोगों के मरीजों को सैकड़ों किलोमीटर तक उपचार के लिए जाना पड़ता है। इसका मुख्य कारण अस्पतालों की अनुपलब्धता है। कैंसर के मरीजों को सवा दो सौ से लेकर साढ़े चार सौ किलोमीटर तक का सफर उपचार के लिए करना पड़ता है। यही हालत बाल रोगियों और हृदय संबंधित मरीजों की है।
रिपोर्ट के अनुसार सौराष्ट्र, खेड़ा बनासकांठा से कैंसर के मरीजों का अधिक आवागमन हुआ है। सौराष्ट्र के ग्यारह जिलों में मार्च २०१७ तक मा एवं एमएवी योजना के अन्तर्गत १३९९३३८ लाभार्थी दर्ज किए गए। जबकि योजना के लिए सौराष्ट्र के राजकोट में मात्र दो ही अस्पताल हैं जो कैंसर रोग के उपचार के लिए निर्धारित किए गए हैं। ूबीते पांच वर्ष में सौराष्ट्र से दोनों योजनाओं के अन्तर्गत कैंसर के १४११४ मरीजों को लाभ मिला था। इनमें से ८०७२ अर्थात ५७.१९ फीसदी मरीजों ने कैंसर का उपचार अहमदाबाद मेें करवाया। सौराष्ट्र के द्वारका व अन्य जगहों से मरीज अहमदाबाद पहुंचे। ऑडिट में बताया गया है कि कैंसर के उपचार के लिए मरीजों को २२० से लेकर साढ़े चार सौ किलोमीटर तक का सफर करना पड़ा।
इसी तरह की हालत हृदय रोग के मरीजों की भी देखी गई। महेसाणा, जूनागढ़, सुरेन्द्रनगर, बनासकांठा , भावनगर, पाटण अमरेली और जामनगर जिले के कार्डियाक मरीजों का उपचार के लिए अहमदाबाद, वडोदरा एवं राजकोट जैसे शहरों में आवागमन देखा गया। इन जिलों में कुल १७८७३ कार्डियाक मरीजों को योजना के अन्तर्गत मरीजों को उपचार दिया गया । इसी तरह की स्थिति बाल रोग के उपचार में भी देखी गई। मा एवं एमएवी योजना का लाभ लेने वाले ५५७ बाल रोगियों में से ३७९ को उपचार के लिए अहमदाबाद जाना पड़ा था। कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि इसका मुख्य कारण निर्धारित किए गए सरकारी एवं निजी अस्पतालों में उन सेवाओं का अभाव रहा होगा जिनकी मरीज को जरूरत थी।
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