वडु पुलिस थाने के निरीक्षक (पीआई) शिकायतकर्ता बने थे। उन्होंने प्राथमिकी में बताया कि कम्पनी में ऑक्सीजन व हाईड्रोजन के सिलेंडरों में रिफलिंग की जाती है। धमाके में मृत व जख्मी श्रमिकों के शरीर पर किसी प्रकार से सुरक्षा के साधन नहीं मिले। जिस जगह पर ऑक्सीजन एवं हाईड्रोजन जैसी गैस दबाव के साथ सिलेंडरों में भरी जाती हो, वहां पर उस तरह के सुरक्षा के साधन उस स्थल पर एवं आसपास प्लांट में किसी स्थल पर नहीं दिखाई दिए।
प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि कम्पनी में कोई सुरक्षा प्रबंधक या विशेषज्ञ प्लांट में या फैक्ट्री में उपस्थित नहीं रहे। कम्पनी में एवं प्लांट में सुरक्षा के निर्देश लिखे है, लेकिन वह अंग्रेजी में लिखे हैं। सिलेंडर भरने के मामले में सुरक्षा के निर्देश गुजराती में लिखे हो, ऐसा कोई बोर्ड या चिन्ह नहीं लगाए गए। कम्पनी के मालिक व जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से कम्पनी के श्रमिकों की सुरक्षा के संबंध में कोई लक्ष्य नहीं दिया जाता।
उल्लेखनीय है कि कम्पनी में हुए तेज धमाके में शनिवार को छह श्रमिकों की मौत हो गई थी, जबकि अन्य छह श्रमिक झुलस गए थे।