राजकोट. गिर जंगल के एशियाई शेर की आंख में हुए मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन का पहला मामला सामने आया है। इससे जंगली जानवरों की दृष्टिहीनता की समस्या को दूर करने का रास्ता खुल गया है। गिर के जामवाली रेंज में पांच वर्ष के एक शेर की सामान्य गतिविधियां अचानक कम होने और शिकार के समीप जाने के बावजूद झपटने की प्रवृत्ति नहीं देखकर वन विभाग के स्टाफ ने निगरानी शुरू की। बाद में शेर की जांच की गई तो उसकी दोनों आंख में मोतियाबिंद होने की जानकारी मिली। इसके बाद उसे जूनागढ़ के सक्करबाग चिडिय़ाघर ले जाया गया जहां आंखों की जांच की गई। इसमें पता चला कि वह सिर्फ आवाज सुनकर प्रतिक्रिया देता है। बाद में पशु चिकित्सकों की टीम के साथ आंख के सर्जन डॉ. संजय जाविया ने शेर की दोनों आंख में मोतियाबिंद होने की जानकारी दी। इसके बाद शेर की आंखों की सर्जरी की सलाह दी गई। चिडिय़ाघर के निदेशक डॉ अभिषेक कुमार ने बताया कि शेर की आंख की रोशनी के बिना उससे शिकार करना संभव नहीं है। इसकी वजह से जंगल में उसका बच पाना संभव नहीं है।
राजकोट. गिर जंगल के एशियाई शेर की आंख में हुए मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन का पहला मामला सामने आया है। इससे जंगली जानवरों की दृष्टिहीनता की समस्या को दूर करने का रास्ता खुल गया है। गिर के जामवाली रेंज में पांच वर्ष के एक शेर की सामान्य गतिविधियां अचानक कम होने और शिकार के समीप जाने के बावजूद झपटने की प्रवृत्ति नहीं देखकर वन विभाग के स्टाफ ने निगरानी शुरू की। बाद में शेर की जांच की गई तो उसकी दोनों आंख में मोतियाबिंद होने की जानकारी मिली। इसके बाद उसे जूनागढ़ के सक्करबाग चिडिय़ाघर ले जाया गया जहां आंखों की जांच की गई। इसमें पता चला कि वह सिर्फ आवाज सुनकर प्रतिक्रिया देता है। बाद में पशु चिकित्सकों की टीम के साथ आंख के सर्जन डॉ. संजय जाविया ने शेर की दोनों आंख में मोतियाबिंद होने की जानकारी दी। इसके बाद शेर की आंखों की सर्जरी की सलाह दी गई। चिडिय़ाघर के निदेशक डॉ अभिषेक कुमार ने बताया कि शेर की आंख की रोशनी के बिना उससे शिकार करना संभव नहीं है। इसकी वजह से जंगल में उसका बच पाना संभव नहीं है।