किशोरी लापता मामले में सीबीआई ने दर्ज की प्राथमिकी
अहमदाबादPublished: Mar 24, 2018 11:41:31 pm
गुजरात हाईकोर्ट ने गत माह मामले को गंभीर बताते हुए सीबीआई को सौंपी थी जांच
अहमदाबाद. गुजरात उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने शहर के कागडापीठ इलाके से वर्ष २०१४ में लापता किशोरी की गुमशुदगी मामले में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज की है। लापता होने के तीन वर्ष बाद भी किशोरी का पता नहीं चल सका है। सीआईडी क्राइम के किशोरी की तलाश नहीं करने पर गुजरात उच्च न्यायालय ने गत 7 फरवरी को सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी थी। न्यायाधीश जे. बी. पारडीवाला ने गुम हुई किशोरी के पिता की ओर से दायर याचिका को ग्राह्य रखते हुए सीबीआई को त्वरित रूप से इस मामले की जांच संभालने का निर्देश दिया था।
अहमबाद में रहने वाली नेहा और मालती त्रिवेदी (बदला नाम) 14 अक्टूबर 2014 को ट्यूशन के लिए निकली थी, लेकिन दोनों में से कोई घर वापस नहीं पहुंची। इस संबंध में अहमदाबाद के कागड़ापीठ पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया जिसमें नेहा की माता सोनलबेन भी सह शिकायतकर्ता थी। चार दिन बाद अचानक नेहा घर वापस आ गई वहीं मालती का कोई अता-पता नहीं चला। नेहा के वापस आने पर उसने मालती के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी। इतना ही नहीं, नेहा की माता ने न तो नेहा के लौटने की जानकारी पुलिस ना ही मालती के माता-पिता को दी। जब मालती के अभिभावकों को नेहा के वापस आने का पता चला तब दोनों नेहा से मिलने गए, लेकिन वह मालती के बारे में अलग-अलग बयान दे रही थी।
मालती के पिता ने उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई जिसके तहत न्यायालय ने सितम्बर 2015 में इस मामले को कागड़ापीठ पुलिस थाने से सीआईडी क्राइम (महिला ईकाई) को सौंप दिया।
सीआईडी क्राइम को जांच सौंपे जाने के करीब डेढ़ वर्ष बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने पर त्रिवेदी ने फिर न्यायालय के समक्ष गुहार लगाई। जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की थी।
सीआईडी क्राइम को जांच सौंपे जाने के करीब डेढ़ वर्ष बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने पर त्रिवेदी ने फिर न्यायालय के समक्ष गुहार लगाई। जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की थी।