यूपीएसपी में 103वां रैंक आंध्र प्रदेश के मूल निवासी राजेश ने वर्ष 2010 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्हें 103वां रैंक प्राप्त हुआ था। अगले वर्ष उन्हें गुजरात कैडर आवंटित किया गया। बारडोली में एसडीएम के रूप में पहली पोस्टिंग के दौरान ही उन पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे। इसके बाद उनकी नियुक्ति सूरत के जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) के रूप में हुई। इसके बाद उनका तबादला सुरेन्द्रनगर जिला कलक्टर के रूप में किया गया।
सिर्फ तीन दिनों में किया गया था तबादला आइएएस अधिकारी पर लगे आरोपों के बाद उन्हें तीन दिनों के भीतर ही दो जगहों पर तबादला कर दिया गया था। गत वर्ष उनका तबादला सुरेन्द्रनगर जिला कलक्टर के पद से राज्य के गृह विभाग में संयुक्त सचिव (कानून व्यवस्था) के रूप में किया गया। इसके तीन दिनों में ही उन्हें जीएडी में संयुक्त सचिव पद पर स्थानांतरित कर दिया गया।
पूर्व सांसद ने भी लगाए थे आरोप बताया जाता है कि सुरेन्द्रनगर के एक पूर्व सांसद ने भी इस अधिकारी पर आरोप लगाए थे। कुछ दिनों पूर्व ही इस संबंध में उन्होंने एक पत्र भी लिखा था जिसमें वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था।