अहमदाबाद. गुजरात में निजी स्कूलों की ओर से फीस विवाद के चलते दसवीं और 12वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र रोकने की चेतावनी देने को लेकर अब सीबीएसई ने भी स्कूलों को चेताया है। शुक्रवार को इस बाबत सीबीएसई की ओर से एक एडवाइजरी जारी करते हुए चेताया है कि स्कूल बोर्ड परीक्षा देने की योग्यता रखने वाले किसी भी बोर्ड परीक्षार्थी का प्रवेश-पत्र (एडमिट कार्ड) नहीं रोक सकते हैं।
सीबीएसई ने इसमें कहा है कि उनके
ध्यान में ऐसी कुछ घटनाएं आई हैं कि जिसमें कुछ स्कूलों ने प्री-बोर्ड टेस्ट में विद्यार्थियों के प्रदर्शन का हवाला देते हुए कई बोर्ड परीक्षार्थियों के प्रवेश-पत्र रोके हुए हैं। इसके अलावा कुछ स्कूलों की ओर से प्रवेश पत्र जारी करने के एवज में फीस वसूली जा रही है। स्कूलों की ओर से प्रवेश पत्र रोकने की घटना को बोर्ड काफी गंभीर मानता है। यह सीबीएसई के नियमों की अनदेखी है।
बोर्ड से संबद्ध कोई भी स्कूल बोर्ड परीक्षा देने की योग्यता रखने वाले परीक्षार्थी के प्रवेश पत्र को रोक नहीं सकता है।
सीबीएसई की ओर से कंट्रोलर ऑफ एक्जामिनेशन के.के.चौधरी के नाम से जारी किए गए इस एडवाइजरी पत्र में कहा गया है कि सीबीएसई की ओर से दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र तभी जारी किए जाते हैं, जब स्कूलों की ओर से ही विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा के योग्य माना जाता है और उनकी सूची तैयार करके बोर्ड को भेजी जाती है। उसके बाद ऐसे विद्यार्थियों का प्रवेश पत्र रोकना नियम के विरुद्ध है। स्कूल किसी भी योग्य परीक्षार्थी को ना तो प्रेक्टिकल एक्जाम ना ही थियरी एक्जाम में बैठने से रोक सकता है। यह सीबीएसई के नियम के विरुद्ध है। इसके अलावा स्कूल की ओर से प्रवेश पत्र जारी करने के एवज में कोई भी फीस भी वसूल नहीं की जा सकती है। ऐसा करना भी नियम के विरुद्ध है।