script‘स्कूलों में सीसीटीवी, सिक्योरिटी व स्टाफ वेरिफिकेशन जरूरी’ | CCTV security and staff verification required in schools | Patrika News

‘स्कूलों में सीसीटीवी, सिक्योरिटी व स्टाफ वेरिफिकेशन जरूरी’

locationअहमदाबादPublished: Sep 22, 2017 04:29:29 am

शहर के सभी सरकारी, अनुदानित, निजी स्कूलों में एक ही प्रवेश द्वार हो, शौचालय के प्रवेश द्वार, पार्किंग, मैदान, कम उपयोग में लिए जाने वाले क्षेत्रों, कम

'CCTV, security and staff verification required in schools'

‘CCTV, security and staff verification required in schools’

अहमदाबाद।शहर के सभी सरकारी, अनुदानित, निजी स्कूलों में एक ही प्रवेश द्वार हो, शौचालय के प्रवेश द्वार, पार्किंग, मैदान, कम उपयोग में लिए जाने वाले क्षेत्रों, कमरों में सीसीटीवी कैमरे लगाने, सभी शैक्षणिक व प्रशासनिक कर्मचारियों, बस ड्राइवर, माली व अन्य कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कराने का पुलिस आयुक्त ए.के.सिंह ने निर्देश जारी किया है।

गुडग़ांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुई छात्र की हत्या व हाल ही में अहमदाबाद के शाहपुर में मनपा संचालित स्कूल में सामने आई छात्रा से दुष्कर्म की घटना को देखते हुए शहर पुलिस आयुक्त ए.के.सिंह ने गुरुवार को सुरक्षा से जुड़े १६ मुद्दों की मार्गदॢशका जारी की है। शहर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक में चर्चा करने का बाद तैयार की गई इस मार्गदर्शिका में पुलिस अधिकारियों, निरीक्षकों को निर्देश दिया है कि वे उनके इलाके के स्कूलों में यह मार्गदर्शिका भेजकर इसकी पालना को सुनिश्चित करें।

स्कूलों को उठाने होंगे यह १६ कदम


1- नाइट विजन वाले पीटीजेड एचडी कैमरे हर स्कूल में इस तरह लगाएं कि प्रवेशद्वार और चारों दिशाओं को कवर करे। लॉबी, शौचालय के द्वार, पार्किंग, मैदान, एकांतवाले कमरों, स्थलों पर भी कैमरे जरूरी हैं। मॉनीटरिंग के लिए सिक्योरिटी इंचार्ज रखें। दूसरे चरण में सभी स्टाफ रूम में भी कैमरे लगाएं। ६० दिन की रिकॉर्डिंग रखें। कैमरे चालू हंै या नहीं निरंतर जांच होनी चाहिए।
२- सभी स्थाई, अस्थाई शैक्षणिक, प्रशासनिक कर्मचारी, चतुर्थश्रेणी, सफाईकर्मी, ठेका कर्मचारी, सिक्योरिटी में लगे व्यक्ति, आया, मध्याह्न भोजन संचालक, कर्मचारी, बाहर से स्कूल के कामकाज के लिए आने वाले व्यक्ति, चालक, कंडक्टर, रिक्शा, वेन ड्राइवर, उनके नहीं आने पर उनके विकल्प में आने वाले ड्राइवर की पूरी जानकारी, फोटो पहचान-पत्र की डाटा बैंक बनाएं। सभी का पुलिस वेरिफिकेशन कराएं।
३- विद्यार्थियों व स्कूल के स्टाफ को पहचान-पत्र दें। इसके बाद ही प्रवेश दें।
४- स्कूल आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का नाम-पता, संपर्क नंबर के ब्यौरे वाला आगंतुक रजिस्टर रखें। उसमें किससे और क्यों मिलने आए, उसका ब्यौरा रखें और फिर जिससे मिलने आए हैं उस का हस्ताक्षर भी आगंतुक रसीद पर जरूर लें। प्राचार्य को हर चार घंटे में इस रजिस्टर का निरीक्षण कर हस्ताक्षर करें।
५- रिपेयरिंग काम के लिए आने वाले व्यक्ति का पूरा ब्यौरा रजिस्टर में अंकित कराएं। आगंतुक रसीद बनाकर ही प्रवेश दें। हस्ताक्षर लें।
६- दो शिक्षिकाओं की नियुक्ति कर सुनिश्चित करें कि वह छात्राओं से अच्छी तरह से घुलमिलकर उन्हें होने वाली परेशानियों को सुनें और निवारण करें।
७- स्कूलों में अभिभावक समिति की बैठक तीन माह में जरूर करें। इसमें छात्राओं की समस्या का निराकरण करें। जरूरी होने पर थाने का संपर्क करें।
८- शोषण से दूर रहने के लिए जागरुकता से जुड़े पोस्टर, बैनर, स्वरक्षा से जुड़े कानून के प्रावधान की जानकारी दें। महिला हेल्पलाइन नंबर के पोस्टर लगाएं।
९- स्कूल में अच्छी तरह से दिखाई दें ऐसी जगहों पर अभिभावक समिति के सदस्यों, प्राचार्य, महिला शिक्षिका, महिला हेल्पलाइन, पुलिस स्टेशन, पुलिस कंट्रोलरूम के टेलीफोन नंबरों की सूची नोटिस बोर्ड पर लगाएं।
१०- विद्यार्थियों को लेकर आने वाले स्कूल बस, ऑटो, वेन के ड्राइवरों, कंडक्टरों, उनके सहायक ड्राइवर, कंडक्टरों के मोबाइल नंबर, नाम, पता, फोटोग्राफ, फोटो पहचान-पत्र के ब्यौरे वाला रजिस्टर भी बनाएं। इसमें जानकारी अपडेट होती रहे। इन लोगों की मानसिक स्थिति की जांच भी करानी होगी।
११- नर्सरी, केजी, जूनियर केजी के बच्चों के बाथरूम व उनकी देखरेख के लिए नियुक्त होने वाली आया तेडाघर की नियुक्ति सुनिश्चित करें।
१२- स्कूल में कम उपयोग में लिए जाने वाले या उपयोग में नहीं लिए जाने वाले कमरों में ताला लगा हुआ रहे। इसकी चाबी प्राचार्य के पास हो।
१३- स्कूल में किसी भी कर्मचारी, सह कर्मचारी या अन्य किसी छात्र, छात्रा के साथ दुव्र्यवहार होने की बात ध्यान में आए तो तत्काल स्कूल के अधिकृत अधिकारियों व नजदीकी थाने में जानकारी दें। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाए।
१४- एक शिक्षक को सिक्योरिटी ऑफिसर की जवाबदेही दी जाए।
१५- विद्यार्थी, स्टाफ व अन्य लोगों के लिए एक ही प्रवेश द्वार हो। स्कूल के चारों ओर दीवार हो। खामी हो तो तत्काल मरम्मतकराई जाए।
१६- बच्चों के अभिभावकों से उनके बच्चे किस प्रकार से स्कूल आते हैं उसकी जानकारी लेकर किस वाहन से आते हैं उसका ब्यौरा प्राचार्य रखें।

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