मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटियां बनाने की योजना शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने प्राकृतिक खेती पर जोर दिया है। इन उत्पादों से किसानों को अधिक भाव मिलेंगे। आर्गेनिक उत्पादों का प्रमाणीकरण करने के लिए अमूल व अन्य सहकारी संस्थाओं को एकत्र कर मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाई जाएगी। यह सोसायटी देश के सभी राज्यों में प्रयोगशाला बनाएगी और किसानों की मिट्टी व उपज का परीक्षण कर अमूल ऑर्गेनिक उत्पाद की छाप लगाकर किसान के खाते में सीधा लाभ जमा कराने की व्यवस्था की जाएगी। बीज के अनुसंधान, अधिक उत्पादन के लिए बीज बनाने के लिए भी मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाई जाएगी।
बनेंगे मल्टी स्टेट एक्सपोर्ट हाउस इनके अलावा मल्टी स्टेट एक्सपोर्ट हाउस भी बनाने की योजना है। इनमें कोई भी सेवा सहकारी मंडली अपने किसानों की उपज को निर्यात कर सकेगी। इसका लाभ सीधे मंडली व किसान के खाते में पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।
मॉडल उप नियम जल्द शाह ने कहा कि वैकल्पिक कर व सरचार्ज कम करने के साथ-साथ अब सरकार राष्ट्रीय सहकारी डेटा बेस बनाना चाहती है। इससे सहकारी मंडली की संख्या व गतिविधियों को राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार ऑनलाइन करना चाहती है। सहकारी सेवा मंडलियों में विपणन, गोदाम, गोबर गैस, बिजली कनेक्शन, गैस वितरण की नई एजेंसियों को जोडऩे, नल से जल अभियान, पीसीओ संचालन आदि के साथ बहु-उद्देश्यीय मंडलियां बनाने के मॉडल उप नियम तैयार किए जा रहे हैं। इस माह के अंत से पहले मॉडल उप नियम घोषित करने की योजना है।