scriptकेन्द्रीय जांच टीम का दावा….एमआर वैक्सीन से नहीं हुई चार बच्चों की मौत | Central team rules out MR vaccines role in deaths of 4 child in Guj | Patrika News

केन्द्रीय जांच टीम का दावा….एमआर वैक्सीन से नहीं हुई चार बच्चों की मौत

locationअहमदाबादPublished: Jul 28, 2018 10:37:34 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

-गत 16 जुलाई से आरंभ खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान

Central team rules out MR vaccines role in deaths of 4 child in Guj

केन्द्रीय जांच टीम का दावा….एमआर वैक्सीन से नहीं हुई चार बच्चों की मौत


गांधीनगर. केन्द्रीय जांच टीम ने गुजरात में खसरा-रूबेला (एमआर) टीकाकरण अभियान के दौरान कथित रूप से 4 बच्चों की मौतों को एमआर वैक्सीन का जिम्मेवार नहीं माना है।
टीके के कारण राज्य में चार बच्चों की कथित मौत की जांच को लेकर यहां आई केन्द्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के उप आयुक्त (टीकाकरण) प्रदीप हलदर की चार सदस्यीय टीम ने कहा कि इन चार बच्चों की मौत एमआर वैक्सीन से नहीं हुई है। इस टीके के टीकाकरण के पांच दिनों के भीतर राज्य में चार बच्चों की मौत की बात सामने आई थी। इनमें अरवल्ली जिले में मोडासा का मुकेश गामेती (7), साबरकांठा जिले में ईडर की स्नेहा राठौड़ (14), कच्छ जिले में अबडासा की डिम्पल माहेश्वरी (कच्छ) और अहमदाबाद जिले के धोलका का सुनील ठाकोर (12) शामिल हैं।
हलदर के मुताबिक टीका दिए जाने के बाद सभी बच्चों को कुछ समय के लिए निगरानी में रखा जाता है। इस दौरान इन बच्चों को कोई परेशानी नहीं देखी गई। इन चार बच्चों के साथ टीका लगाए गए बच्चे स्वस्थ हैं। इन टीकाकरण के बाद असर पडऩे के बाद इन चारों मामलों में टीकाकरण समिति ने विस्तृत अध्ययन किया। इन चारों बच्चों में पेट दर्द, गैसट्राइटिस, इन्सेफेलाइटिस व दवाओं का रिएक्शन के लक्षण देखे गए जिसका इस टीके से कोई लेना-देना नहीं है। दो मृतक बच्चों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ चुकी है, लेकिन प्राथमिक रिपोर्ट में यह पाया गया है कि यह मौतें टीके की वजह से नहीं हुई हैं।
गत 16 जुलाई से आरंभ हुए खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान के तहत राज्य में अब तक 9 से 15 वर्ष की आयु के 61 बच्चों का टीकाकरण किया गया। यह अभियान पांच सप्ताह तक जारी रहेगा।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पूनम चंद परमार ने कहा कि अभी 8.4 करोड़ बच्चों का टीकाकरण बाकी है। उधर पूरे देश में 9 करोड़ बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है। 20 राज्यों में अब तक 14 बच्चों की मौत की बात सामने आई है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो