मामले के अनुसार ३० अप्रेल १९९६ को जिला पुलिस कंट्रोलरूम में एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन करके सूचना दी कि ‘सुमेर सिंह राजपुरोहित जो कि अफीम का धंधा करता है वह कल से पांच किलोग्राम अफीम लेकर पालनपुर के होटल लाजवंती में ठहरा हुआ है। वह पालनपुर में अफीम की डिलिवरी देने वाला है।’ सूचना मिलने पर इसकी लिखित जानकारी तत्कालीन एलसीबी पीआई आई.बी.व्यास को दी गई और उन्होंने अपनी टीम के साथ उसी दिन लाजवंती होटल के कमरा नंबर ३०५ में दबिश दी। वहां कोई व्यक्ति उपस्थित नहीं मिला, लेकिन एक किलो १५ ग्राम अफीम बरामद हुई। जिस पर पालनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की।
इसी मामले में बात में तीन मई १९९६ को सुमेरसिंह राजपुरोहति की पाली में बापूनगर स्थित उनके घर से गिरफ्तारी की गई। १४ दिनों की रिमांड की मांग करते हुए सात दिनों का रिमांड लिया था। इस दौरान वकील के दुकान खाली कर देने की तैयारी बताने पर छह मई १९९६ को पीआई की ओर से कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट से वकील को जमानत मिल गई। दुकान खाली हो जाने पर पुलिस ने इस मामले में पालनपुर कोर्ट में ए समरी भरते हुए केस बंद भी कर दिया।