scriptशाह दंपत्ति के एक खाते में मिले 14 लाख | Cid crime found 14 lakh rupees in Shah couple Bank account | Patrika News

शाह दंपत्ति के एक खाते में मिले 14 लाख

locationअहमदाबादPublished: Nov 19, 2018 10:57:57 pm

सीआईडी क्राइम ने डीमेट एकाउंट फ्रीज करने व जानकारी जुटाने को सेबी, एनएसडीएल को लिखा पत्र

Cid crime

शाह दंपत्ति के एक खाते में मिले 14 लाख

अहमदाबाद. ऑनलाइन विज्ञापन देखकर चंद महीनों में राशि को दो गुना करने का लालच देकर २६० करोड़ रुपए की ठगी करके फरार हुए शाह दंपत्ति विनय व भार्गवी के एक बैंक खाते में १४ लाख रुपए की नकदी होने की बात सामने आई है।
आर्चर केयर के मालिक विनय शाह, उसकी पत्नी भार्गवी, एजेंट दानसिंह वाला और प्रगति व्यास के विरुद्ध वस्त्रापुर थाने में दर्ज तीन अलग-अलग मामलों की जांच सीआईडी क्राइम को सौंपी गई है।
सीआईडी क्राइम के डीजीपी आशीष भाटिया के मार्गदर्शन में डीआईजी सचिन बादशाह, एसपी हरेश दूधात की एसआईटी बनाते हुए जांच उपाधीक्षक जी.डी.पलसाणा को सौंपी है। पलसाणा ने इस मामले में बैंकों को पत्र लिखकर आरोपी शाह दंपत्ति के नाम के बैंक खाते होने या फिर उनकी कंपनी आर्चर केयर, डीजी एड एलएलबी, डीजीएड लोकल्स के नाम के खाते होने, लॉकर होने व उसमें जमा राशि का ब्यौरा मांगा था।
इस मामले में एचडीएफसी और आईडीबीआई बैंक से हार्डकॉपी में जानकारी दी गई। जिसका अध्ययन करने पर पता चला कि उसमें 14 लाख 22 हजार रुपए जमा हैं। एसबीआई में कंपनी के नाम का डीमेट एकाउंट होने का भी पता चला है, जिससे इस मामले में एसबीआई बैंक को भी पत्र लिखकर एकाउंट को फ्रीज करने को कहा है। इसके अलावा सेबी और एनएसडीएल को पत्र लिखकर आरोपी की कंपनी या व्यक्तिगत नाम पर कोई डीमेट एकाउंट होने व उसमें किए गए लेनदेन का ब्यौरा मांगा गया है। आरोपियों के अब तक फरार होने के चलते उनकी गिरफ्तारी के लिए भी कोशिश की जा रही है।
सेटर्न गुडलक होम की ठगी के शिकार लोग सीआईडी क्राइम से करें संपर्क
अहमदाबाद. विनय शाह की ठगी का शिकार हुए लोगों से पूछताछ के बीच सीआईडी क्राइम ने अहमदाबाद में ही सेटर्न गुडलक होम्स लिमिटेड कंपनी के निदेशकों की ओर से प्लॉट के नाम पर की गई ठगी के शिकार लोगों से भी उनकी शिकायत देने को कहा है।
सेटर्न कंपनी के निदेशकों के विरुद्ध अहमदाबाद जोन सीआईडी क्राइम थाने में इसी साल 14 लाख रुपए की ठगी करने का मामला दर्ज किया गया है।
मामले की जांच पीआई एम.यू.मशी को सौंपी गई है। सीआईडी क्राइम की ओर से कहा गया है कि कंपनी के निदेशकों राजकुमार शिवकुमार, संजय कुमार जायसवाल, भरत भरवाड, रीटा जायसवाल, सुधीर सिंह राजपूत ने मिलीभगत करते हुए षडयंत्र के तहत आरोपियों एवं उनकी कंपनी के नाम पर कोई भी जमीन नहीं होने के बावजूद भी बावला तहसील के भायला एवं शियाळ गंाव में प्लॉट की स्कीम शुरू की। गुलडल गोम्स एक, दो, तीन और चार नाम की स्कीमों के तहत प्लॉट की स्कीम का ड्रॉ लगने पर हफ्ते नहीं भरने होते थे। इसमें कई लोगों ने निवेश किया और करीब १४ लाख रुपए तक का हफ्ता भी भरा। लेकिन कंपनी के निदेशकों ने ना तो उनके पैसे लौटाए और ना ही प्लॉट दिए और कंपनी का कार्यालय बंद करके फरार हो गए। इस मामले में दर्ज शिकायत की जांचकी जा रही है। इस कंपनी केऔर कोई भी पीडि़त हों वे सीआईडी क्राइम कार्यालय गांधीनगर में जाकर शिकायत कर सकते हैं।
Cid Crime

ट्रेंडिंग वीडियो