गुजरात की ‘क्लीन-ग्रीन ऊर्जा युक्त गुजरातÓ पर आधारित सांस्कृतिक झांकी ने यहां मौजूद सभी लोगों का मन मोह लिया था। इस झांकी के जरिए कच्छ-मोढेरा की सांस्कृतिक झलक तथा सौर एवं पवन ऊर्जा के वैज्ञानिक व तकनीकी दृष्टिकोण का एकीकरण कर हरित और शुद्ध नवीकरणीय ऊर्जा के निर्माण के माध्यम से ऊर्जा क्षेत्र में देश और दुनिया को नई राह दिखाने का जो सुंदर प्रयास किया गया है उसकी यहां उपस्थित सभी लोगों दिल खोलकर प्रशंसा की।
गुजरात की झांकी में कच्छ में आकार ले रहे दुनिया के सबसे विशाल हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी पार्क, देश का सबसे पहला चौबीसों घंटे और सातों दिन सौर ऊर्जा से चलने वाला मोढेरा गांव, पीएम-कुसुम योजना के माध्यम से किसानों की खुशहाली और केनाल रूफटॉप से होने वाले सौर ऊर्जा के उत्पादन को दर्शाया गया है। इसके साथ ही कच्छ की रंगबिरंगी वेशभूषा, सफेद रण, रण का जहाज कहा जाने वाला ऊंट, परंपरागत घर- भूंगा के साथ गुजरात की संस्कृति को प्रदर्शित करते गरबा नृत्य ने झांकी में चार चांद लगा दिए थे।
उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या यानी 25 जनवरी को अन्य राज्यों के सांस्कृतिक झांकी के कलाकारों के साथ गुजरात के कलाकारों तथा प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री से उनके निवास स्थान जाकर मुलाकात की और प्रोत्साहन प्राप्त किया।
गुजरात सरकार के सूचना विभाग द्वारा प्रस्तुत इस झांकी के निर्माण में सूचना एवं प्रसारण सचिव अवंतिका सिंह औलख, सूचना निदेशक आर.के. मेहता और अतिरिक्त निदेशक अरविंद पटेल के मार्गदर्शन में पंकजभाई मोदी तथा उप सूचना निदेशक संजय कचोट की भूमिका अहम रही।