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सीएमए टॉपर्स ने बताए सफलता के टिप्स

locationअहमदाबादPublished: Feb 26, 2018 10:02:06 pm

Submitted by:

Nagendra rathor

कॉन्सेप्ट करो क्लियर, रट्टा मत मारो

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अहमदाबाद. द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की ओर से दिसंबर-२०१७ में ली गई फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल परीक्षा में देश के टॉप-५० टॉपर्स में जगह बनाने वाले कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट विद्यार्थियों ने अपनी सफलता के टिप्स बताए हैं। उनका कहना है कि संस्थान के स्टडी मटीरियल के आधार पर तैयारी करो और घंटे तय करके नहीं बल्कि मन लगे तब तक ध्यान लगाकर पढ़ो। रट्टा मत मारो समझो।
कॉन्सेप्ट करो क्लियर: शर्मा
कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट (सीएमए) फाइनल परीक्षा में ८०० में से ४६७ अंक पाकर देश में २८वीं रैंक और अहमदाबाद में पहला स्थान पाने वाले जयप्रकाश शर्मा बताते हैं कि इंस्टीट्यूट के स्टडी मटीरियल से ही तैयारी करनी चाहिए। लॉ के लिए कुछ संदर्भ पुस्तकें पढ़ें। कॉन्सेप्ट क्लियर जरूर करें। सफलता मिलेगी। मूलरूप से राजस्थान के झुंझुनू जिले के पचेरी छोटी गांव निवासी हाल अहमदाबाद में रहने वाले जयप्रकाश शर्मा सेंट्रल कस्टम विभाग में इंटेलीजेंस ऑफिसर के पद पर सेवारत हैं।
जब तक लगे मन तब तक पढ़ाई :कुसुमांजलि
मूलरूप से राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ के निकुंभ गांव की रहने वाली हाल अहमदाबाद में स्थाई कुसुमांजलि जैन ने ८०० में से ५७७ अंक पाकर सीएमए की इंटरमीडिएट एक्जाम में देश में नौवां स्थान पाया है। कुसुमांजलि बताती हैं कि इंस्टीट्यूट के स्टडी मटीरियल ही तैयारी के लिए सबसे श्रेष्ठ है। लॉ से जुड़े मुद्दों की तैयारी के लिए अन्य संदर्भ पुस्तकें पढ़ सकते हैं। नवंबर-२०१७ में सीए की फाइनल परीक्षा उत्तीर्ण कर चुकी हैं। सीए के बाद सीएमए इसलिए चुना क्योंकि उन्हें कोस्ट मैनेजमेंट में काफी रुचि थी।
नौकरी के साथ पढ़ाई कर टॉपर बने योगेश
राजस्थान के सिरोही जिले के नाना गांव निवासी योगेश मांगीलाल खटीक ने नौकरी करते हुए मध्यरात्रि तक लाइब्रेरी में पढ़ाई करके सीएमए-इंटरमीडिएट परीक्षा में ८०० में से ४३२ अंक पाकर देश में ३०वीं रैंक पाई है। पिता फरसाण की लारी (ठेला) लगाते हैं। पांच भाई-एक बहन है। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से दसवीं से ही नौकरी करके पढ़ाई की। जिस कंपनी में चतुर्थश्रेणी कर्मचारी (पटावाला) की नौकरी की उसके संचालक की प्रेरणा से पढ़ाई करके उसी कंपनी में एकाउंटेंट्स बन गए। सीएमए की तैयारी की। नौकरी के बाद लाइब्रेरी में जाकर हर दिन रात 12 बजे तक पढ़ाई करते हैं। रविवार को पूरा दिन लाइब्रेरी में बीतता है। वह बताते हैं कि सफलता के लिए जरूरी है कि दृढ़ निश्चयी बनकर मन लगाकर पढ़ाई करो। सीएमए बनना है। अपने समाज में शिक्षा की जागरुकता बढ़ाना है।
आर्टिकलशिप गंभीरता से करो: रिया
सीएमए-फाइनल में ८०० में से ४४७ अंक के साथ देश में ४७वीं रैंक लाने वाली रिया नथवाणी बताती हैं कि विद्यार्थियों को आर्टिकलशिप गंभीरता से करनी चाहिए। इससे प्रेक्टिकल ज्ञान मिलता है। कॉन्सेप्ट क्लियर होते हैं। रिवीजन जरूर करना चाहिए। मॉड्यूल से तैयारी करें और घंटों के हिसाब से नहीं समझ आए तब तक पढ़ें। आगे चलकर एमएनसी में जॉब करनी है।
रट्टा मत मारो: मितेष
सीएमए-इंटरमीडिएट में ८०० में से ४३२ अंक के साथ देश में ३०वीं रैंक लाने वाले मितेष मैथिया बताते हैं कि रट्टा मत मारो। कॉन्सेप्ट क्लियर करते हुए पढ़ाई करो। इंस्टीट्यूट के मटीरियल को आधार बनाओ। कोर्स लंबा है जिससे हर दिन, सप्ताह का टार्गेट तय करके विषय तैयार करो। आगे चलकर विदेश में स्थाई होना है, सीएमए के बाद अगला लक्ष्य चार्टर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एकाउंटेंट्स की परीक्षा उत्तीर्ण करना है।
तनावमुक्त होकर दें परीक्षा: निकिता
इंटरमीडिएट में ८०० में से ४१५ अंक के साथ देश में ४५वीं रैंक पाने वाली निकिता देवजाणी बताती हैं कि तनावमुक्त होकर परीक्षा देनी चाहिए। पढ़ाई का और पास होने का तनाव रखने से हम अपना श्रेष्ठ नहीं दे पाते हैं। सब कुछ मत पढ़ो इंस्टीट्यूट के स्टडी मटीरियल से पुराने पेपरों को आधार बनाते हुए अहम मुद्दों को अच्छे से तैयार करो। उन्होंने खुद तीसरी बार में सफलता पाई है। निराश मत हो।
ध्यान से करो पढ़ाई: नील
नडियाद निवासी नील कोरेश क्रिश्चियन ने फाउंडेशन कोर्स में ४०० में से ३४४ अंक पाए हंै। नील बताते हैं कि ध्यान लगाकर पढ़ाई करने से सफलता जरूर मिलेगी। रट्टा मारना सही नहीं है। इंस्टीट्यूट मटीरियल से कॉन्सेप्ट क्लियर करते हुए पढ़ाई करनी चाहिए।
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