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Ahmedabad News : यहां इबादत के साथ मस्जिद में बनते थे सिक्के

locationअहमदाबादPublished: Oct 13, 2019 11:12:46 pm

Submitted by:

Gyan Prakash Sharma

इसलिए नाम पड़ा ‘टंकशाल वाली मस्जिद’, Tankshal Wali mosque

Ahmedabad News : यहां इबादत के साथ मस्जिद में बनते थे सिक्के

Ahmedabad News : यहां इबादत के साथ मस्जिद में बनते थे सिक्के

भुज. कच्छ जिले के भुज में आज भी अनेक ऐसी ऐतिहासिक इमारतें हैं, जो भारत की आजादी युग के पहले के राजाशाही के संस्मरणों को समेटे हुई हैं। उनमें शामिल हैं, अंग्रेजों के जमाने का ऑल्फेड हाईस्कूल, कच्छ म्युजियम, भुज की छतरी, आयना महल, आदि। आज एक ऐसी ऐतिहासिक धरोहर की बात करते हैं, जहां एक जमाने में अल्लाह की इबादत के साथ समग्र कच्छ राज्य की स्वतंत्र मुद्रा ( सिक्के) भी बनाई जाती थी।
भुज की टंकशाल वाली मस्जिद के नाम से प्रसिद्ध यह मस्जिद भुज के आयना महल के निकट स्थित है। इस मस्जिद का नाम टंकशाल वाली मस्जिद कैसे पड़ा, इसके पीछे भी एक कहानी है।

मुस्लिम समाज के वरिष्ठ सदस्य आदमभाई चाकी के अनुसार राजाशाही युग में कच्छ एक अलग राज्य था और उस समय कच्छ राज्य में मुद्रा के रूप में ‘कोरीÓ चलती थी, जो तांबे के सिक्के के रूप में थी। तत्कालीन समय में आज की तरह कागज के नोट नहीं थे। ऐसे में कच्छ की कोरी बनाने के लिए राजा के दरबार में टंकशाल थी। आयना महल में कोरी बनाने के लिए टंकशाल बनाई गई थी।

टंकशाल में काम करने वाले लोग सामान्य रूप से आवागमन नहीं कर सकते थे। ऐसे में टंकशाल में काम करने वाले मुस्लिम लोगों को नमाज पढऩे के लिए अन्य स्थलों पर जाना नहीं पड़े, इसके लिए राजा की ओर से महल के निकट ही मस्जिद बनाई गई थी, जिससे उसका नाम टंकशाल वाली मस्जिद पड़ा था।

यह मस्जिद आज भी है और इसमें नमाज अदा की जाती है। मस्जिद के निर्माण कार्य में आज भी राजाशाही युग की निशानियां देखने को मिलती है। टंकशाल वाली मस्जिद आज भी वर्षों के इतिहास को समेटे खड़ी है और राजशाही युग के सुंदर नक्काशी-स्थापत्य को भी उजागर करती है। इस मस्जिद का निर्माणकार्य राजाशाही युग का होने से बेमिसाल नमूना है।
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