अहमदाबाद

80 फीसदी नौकरी गुजरातियों को देनी होगी : रूपाणी

-गुजरात में उद्योग व सर्विस सेक्टर में निवेश करने वाली कंपनियों की जिम्मेवारी
-25 फीसदी स्थानीय को भी रोजगार देना होगा

अहमदाबादSep 25, 2018 / 06:22 pm

Uday Kumar Patel

80 फीसदी नौकरी गुजरातियों को देनी होगी : रूपाणी

 
अहमदाबाद. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि गुजरात में उद्योग या सर्विस सेक्टर में निवेश करने वाली कंपनियों को 80 फीसदी नौकरी गुजरातियों को देनी होगी। साथ ही कंपनी को संबंधित इलाके के 25 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देना होगा। राज्य सरकार ने युवाओं के रोजगार के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है जिसके तहत कंपनियों को यह जिम्मेवारी लेनी होगी।
शहर में मंगलवार को मुख्यमंत्री एप्रेन्टिसशिप प्रशिक्षण कार्यक्रम के लाभार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आगामी दिनों में इसे कानून का रूप देने जा रही है।
आठ हजार लाभार्थियों को करार पत्र वितरण कार्यक्रम में रूपाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया, स्कील इंडिया, डिजीटल इंडिया जैसे संकल्पों को साकार करने के लिए गुजरात में मार्च 2019 से पहले 1 लाख युवकों को मुख्यमंत्री एप्रेन्टिस योजना के तहत कौशल बनाया गया। गुजरात पूरे देश में एप्रेन्टिसशिप एक्ट के तहत दिए जाने वाले प्रशिक्षण के 26 फीसदी लाभार्थियों के साथ सबसे आगे है।
बेरोजगारी भत्ता के पक्ष में नहीं

रूपाणी ने कहा कि कांग्रेस युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की मांग करती है, लेकिन उनकी सरकार बेरोजगारी भत्ता देकर बेरोजागारों की संख्या बढ़ाना नहीं चाहती है। सरकार युवाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर अपने कौशल व शक्ति को नए अवसर देकर परिश्रम की पराकाष्ठा से अयोध्या में राम, युवाओं को काम, महंगाई पर लगाम, हटाओ भ्रष्टाचारी बदनाम का ध्येय के साथ शासन में सेवा दायित्व वाले लोग हैं।
रूपाणी का नेहरू पर प्रहार

रूपाणी ने कांग्रेस के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के आराम ***** है के नारे का हवाला देते हुए कहा कि नेहरूजी ने यह नारा दिया, लेकिन युवाओं को कोई काम नहीं दिया। तब युवा आक्रोश में आकर-आराम ***** है, तो फिर काम तो दीजिए. नारा दिया है तो अंजाम भी दीजिए-कह कर अपनी व्यथा व्यक्त करते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले कांग्रेस के समय में नीति, नेता व नियत के अभाव के कारण देश सही दिशा से वंचित रहा और अब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सही नेता, साफ नियत व स्पष्ट नीति के कारण भारत की साख बढ़ी है।

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