भारत के पड़ोसी देशों में सैन्य सेवा अनिवार्य नहीं
भारत के पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, बंगलादेश, नेपाल में भी अनिवार्य सैन्य सेवा लागू नहीं है। हालांकि भूटान में युवाओं के लिए सैन्य प्रशिक्षण की जरूरत होती है हालांकि भर्ती स्वैच्छिक है। मध्य एशियाई देशों में कजाकिस्तान, कीर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान में अनिवार्य सैन्य सेवा की व्यवस्था है।
भारत के पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, बंगलादेश, नेपाल में भी अनिवार्य सैन्य सेवा लागू नहीं है। हालांकि भूटान में युवाओं के लिए सैन्य प्रशिक्षण की जरूरत होती है हालांकि भर्ती स्वैच्छिक है। मध्य एशियाई देशों में कजाकिस्तान, कीर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान में अनिवार्य सैन्य सेवा की व्यवस्था है।
चीन में तकनीकी अनिवार्यता मगर अमल नहीं
चीन में तकनीकी रूप से अनिवार्य सैन्य सेवा है लेकिन इसका शायद ही पूरी तरह से अमल किया जाता है। क्योंकि चीन के पास से सैना की जरूरतों से ज्यादा वोलेन्टियर हैं। मध्य पूर्व के देशों में जॉर्डन, यूएई, सीरिया, कुवैत, कतर में अनिवार्य सैन्य प्रणाली है। हालांकि यहां के कुछ देशों में ऐसा नहीं है।
इजरायल, उत्तर कोरिया में महिलाएं भी शामिल
इजरायल, उत्तर कोरिया, ट्यूनिशिया, मोरक्को, इरीट्रिया व माली अनिवार्य सैन्य सेवा वाले देशों में शामिल हैं। यहां पर महिलाएं भी अनिवार्यता का हिस्सा हैं। इसके साथ ही बेनिन, केप वर्दे, मोजाम्बिक, नार्वे व स्वीडन में चयनित सेवा प्रणाली है जिसमें महिलाएं पुरुष दोनों शामिल हैं।
अमरीका-ब्रिटेन में फिलहाल यह सेवा नहीं
अमरीका में भी फिलहाल अनिवार्य सैन्य सेवा सक्रिय नहीं है। लेकिन कुछ चयनित सर्विस जरूरत के समय 18 से 25 वर्ष के युवाओं को सेवा में लिए जाने का अधिकार रखते हैं। ब्रिटेन में इसे 1960 में समाप्त कर दिया गया। आस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैण्ड जैसे देशों में अनिवाय सैन्य सेवा नहीं है।
यूरोप के देशों में कुछ इस तरह है स्थिति
यूरोप के देशों पर नजर दौड़ाएं तो यह पता चलता है कि आर्मेनिया, रूस, बेलारूस, अजरबैजान, डेनमार्क, फिनलैण्ड, जॉर्जिया, लिथुआनिया, स्वीडन, स्विटजरलैण्ड, तुर्की में किसी न किसी रूप में अनिवार्य सैन्य सेवा या प्रशिक्षण है। फ्रांस, हंगरी, आयरलैण्ड, नीदरलैण्ड जैसे देशों में ऐसी व्यवस्था नहीं है।
अग्निपथ योजना बहुत अच्छी
अग्निपथ योजना अच्छी है। इससे एक सैनिक चार वर्ष में पूरी तरह अनुभवी होकर बाहर निकेलगा। वहीं, 25 फीसदी युवा सेना में बने रहेंगे। उधर कुछ देशों में अनिवार्य सैन्य सेवा भी काफी सही है। सेवानिवृत्ति के बाद आपातकालीन जरूरत में प्राप्त राशि का उपयोग किया जा सकता है।
- इरफान वोरा, सेवानिवृत्त हवलदार
चीन में तकनीकी रूप से अनिवार्य सैन्य सेवा है लेकिन इसका शायद ही पूरी तरह से अमल किया जाता है। क्योंकि चीन के पास से सैना की जरूरतों से ज्यादा वोलेन्टियर हैं। मध्य पूर्व के देशों में जॉर्डन, यूएई, सीरिया, कुवैत, कतर में अनिवार्य सैन्य प्रणाली है। हालांकि यहां के कुछ देशों में ऐसा नहीं है।
इजरायल, उत्तर कोरिया में महिलाएं भी शामिल
इजरायल, उत्तर कोरिया, ट्यूनिशिया, मोरक्को, इरीट्रिया व माली अनिवार्य सैन्य सेवा वाले देशों में शामिल हैं। यहां पर महिलाएं भी अनिवार्यता का हिस्सा हैं। इसके साथ ही बेनिन, केप वर्दे, मोजाम्बिक, नार्वे व स्वीडन में चयनित सेवा प्रणाली है जिसमें महिलाएं पुरुष दोनों शामिल हैं।
अमरीका-ब्रिटेन में फिलहाल यह सेवा नहीं
अमरीका में भी फिलहाल अनिवार्य सैन्य सेवा सक्रिय नहीं है। लेकिन कुछ चयनित सर्विस जरूरत के समय 18 से 25 वर्ष के युवाओं को सेवा में लिए जाने का अधिकार रखते हैं। ब्रिटेन में इसे 1960 में समाप्त कर दिया गया। आस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैण्ड जैसे देशों में अनिवाय सैन्य सेवा नहीं है।
यूरोप के देशों में कुछ इस तरह है स्थिति
यूरोप के देशों पर नजर दौड़ाएं तो यह पता चलता है कि आर्मेनिया, रूस, बेलारूस, अजरबैजान, डेनमार्क, फिनलैण्ड, जॉर्जिया, लिथुआनिया, स्वीडन, स्विटजरलैण्ड, तुर्की में किसी न किसी रूप में अनिवार्य सैन्य सेवा या प्रशिक्षण है। फ्रांस, हंगरी, आयरलैण्ड, नीदरलैण्ड जैसे देशों में ऐसी व्यवस्था नहीं है।
अग्निपथ योजना बहुत अच्छी
अग्निपथ योजना अच्छी है। इससे एक सैनिक चार वर्ष में पूरी तरह अनुभवी होकर बाहर निकेलगा। वहीं, 25 फीसदी युवा सेना में बने रहेंगे। उधर कुछ देशों में अनिवार्य सैन्य सेवा भी काफी सही है। सेवानिवृत्ति के बाद आपातकालीन जरूरत में प्राप्त राशि का उपयोग किया जा सकता है।
- इरफान वोरा, सेवानिवृत्त हवलदार