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सी-प्लेन से सियासी प्रचार का समापन

locationअहमदाबादPublished: Dec 13, 2017 05:33:32 am

गुजरात का चुनाव हमेशा से ही रोचक रहा है। हर बार कोई बड़ा आकर्षण या विवाद विश्व में चर्चा बन जाता है। इस बार के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने दूसर

Conclusion of political propaganda with Sea Plane

Conclusion of political propaganda with Sea Plane

अहमदाबाद।गुजरात का चुनाव हमेशा से ही रोचक रहा है। हर बार कोई बड़ा आकर्षण या विवाद विश्व में चर्चा बन जाता है। इस बार के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने दूसरे चरण का चुनाव प्रचार खत्म होने से कुछ घंटे पहले वॉटर-शो कर के देश को चौंका दिया।

मतदान के अंतिम चरण के पहले अचानक बनाई गई यह रणनीति के तहत विकास का संदेश देने का प्रयास किया है। मोदी यह जताना चाहते हैं कि बुलेट ट्रेन के बाद अब गुजरात में सी-प्लेन(समुद्री एयरक्रॉफ्ट) से भी पर्यटक उड़ान भर सकेंगे! मोदी जब साबरमती नदी से सी-प्लेन में उड़ान भर रहे थे, तब कांग्रेस के नए अध्यक्ष राहुल गांधी अहमदाबाद में ही जगन्नाथ मंदिर में भगवान की शरण में थे। मंगलवार सुबह नौ बजे साबरमती नदी के रिवरफ्रं ट पर सिंगल इंजन के सी प्लेन ने लैंड किया।

इसे देखने के लिए भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, शहरीजन रिवरफ्रंट के दोनों ओर के तमाम छह ब्रिज पर उमड़ पड़े । अहमदाबाद पुलिस, एसपीजी दस्ता और अन्य सुरक्षाबलों ने पूरे साबरमती रिवरफ्रंट को कॉर्डन कर लिया। तट के दोनों ओर की हाईराइज इमारतों पर भी सुरक्षा दस्ता नियुक्त किया गया। मोदी ने सबसे पहले भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं से बात की।

इसके बाद पौने ग्यारह बजे साबरमती तट पहुंचे और यहां मोदी-मोदी की गूंज के बीच लोगों का अभिवादन स्वीकार सी-प्लेन में बैठ कर धरोई रवाना हो गए। धरोई डेम से उतरकर वहां से करीब ५० किमी लंबा रोड शो करते हुए अंबाजी पहुंच गए। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने पहली बार अंबाजी के दर्शन किए।

मोदी अच्छे यात्री: पायलेट जॉन

यहां इसे उड़ाने के लिए केनेडियन पायलट जॉन बुलेट को बुलाया गया था। जॉन ने कहा- काफी सुखद अनुभव था। उन्होंने मोदी को सुरक्षा के संबंध में कई बातें बताई। मोदी के एक अच्छे यात्री हैं। सी-प्लेन कई देशों में आम बात है। इसे भारत में भी लोकप्रिय करना चाहिए। क्योंकि भारत में झील-नदियां बहुत है और लंबा तटीय इलाका भी है।

टूरिज्म में नवाचार की शुरुआत

स्पाइट जेट के सूत्रों ने बताया कि कंपनी इस तरह के 100 एयरक्राफ्ट खरीद रही है। अगले वर्ष तक सी-प्लेन से टूरिज्म की गतिविधियां शुरू हो सकेंगी। इसमें केंद्र सरकार मदद कर रही है। कम खर्च में यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हो सकता है।

साबरमती से सी-प्लेन टेक ऑफ, फिर धरोई डेम से रोड शो करते पहुंचे अंबाजी

साबरमती रिवर फ्रंट से मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिंगल इंजन के सी-प्लेन से उड़ान भरने से पहले लोगों का अभिवादन करते हुए। वहीं दूसरी ओर सी-प्लेन से उड़ान भरते पीएम मोदी। इस प्लेन को देखने के लिए रिवरफ्रंट के दोनों ओर भारी संख्या में लोग मौजूद थे।

ऐसा है सी-प्लेन

को डिएक हंड्रेड मॉडल प्लेन में एक इंजन लगा है। आठ सीटों वाले प्लेन को एमफीबीयन प्लेन भी कहा जाता है। यह जमीन-पानी से उड़ सकता है। इसे उडऩे के लिए 600 मीटर की लंबाई वाले रन-वे की जरूरत होती है, जिसके लिए नदी उपयुक्त है। यह खराब मौसम में भी उड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार इस तरह के सी प्लेन की व्यावसायिक रूप से फ्लाइट टेस्टिंग महाराष्ट्र के नागपुर, असम के गुवाहाटी और मुंबई के बीच पर हो चुकी है।साबरमती रिवरफ्रंट पर यह चौथी डेमो फ्लाइट थी।

इसलिए तो नहीं किया रोड-शो कैसल!

इस वॉटर शो के पहले प्रशासन ने मोदी और राहुल के रोड शो को मंजूरी नहीं दी थी। लोगों में चर्चा थी कि स्थानीय प्रशासन ऐसी हिमाकत कैसे कर सकता है? अब कयास लगाए जा रहे हैं कि विशेष रणनीति के तहत संभवत: शहर की संकीर्ण सडक़ों और सुरक्षा का हवाला देकर रोड शो कैंसल किया गया। क्योंकि मोदी वाटर शो के जरिए बुलेट ट्रेन के बाद सी प्लेन का स्वप्न दिखाकर विकास का संदेश देना चाहते थे। ऐसा इसलिए भी है कि सी-प्लेन शो का इंतजाम एक रात में नहीं किया जा सकता है।

 

 

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