script२० नदी बेसिन क्षेत्रों में से आधे से ज्यादा पर पानी के लिए झगड़ा आरंभ | Conflict starts in Half of the 20 River-basin in India | Patrika News

२० नदी बेसिन क्षेत्रों में से आधे से ज्यादा पर पानी के लिए झगड़ा आरंभ

locationअहमदाबादPublished: Feb 16, 2018 11:26:10 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के सदस्य डॉ. अफरोज ने कहा
इस झगड़े का समाधान आसान नहीं

River basin conflict
अहमदाबाद. देश में 20 नदी बेसिन क्षेत्रों में बंटा है। इनमें कृष्णा, कावेरी, गंगा, गोदावरी, नर्मदा, यमुना नदी बेसिन शामिल हैं। इनमें से आधे से ज्यादा क्षेत्रों में पानी के लिए झगड़ा आरंभ हो चुका है। यह ऐसा संघर्ष है जिसका इसका समाधान करना कोई आसान काम नहीं है। यह बातें नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए) के सदस्य (पर्यावरण व पुनर्वास) डॉ. अफरोज अहमद ने शुक्रवार को शहर के अहमदाबाद हाट में इंडिया एन्यवायरमेंट फेस्टिवल-2018 के उद्घाटन सत्र में कहीं।
उन्होंने कहा कि इस देश के 20 बड़े-बड़े नदी बेसिन क्षेत्रों में तीन बेसिन क्षेत्रों-गंगा, ब्रह्मपुत्र व मेघना-में 70 फीसदी पानी है जहां पर 45 फीसदी लोग रहते हैं। 12 फीसदी पानी पश्चिम की तरफ जाने वाली नदी (नर्मदा, तापी) बेसिन को दिया है। यह दोनों नदिया महाराष्ट्र व गुजरात के लिए जीवनदायिनी हैं। शेष दक्षिण भारत की नदियों में शेष 13 फीसदी पानी है।
उन्होंने कहा कि यही हाल भूजल का है। गंगा व ब्रह्मपुत्र बेसिन क्षेत्र में 50 फीसदी भूजल है, बाकी भूजल अन्य क्षेत्रों में है। यह भूजल प्रकृति ने सुरक्षित के रूप में दिया है। भूजल नहीं होने के कारण कई देशों में पर्यावरण नष्ट हो गए। पूरे जंगल नष्ट हो गए, खेती नष्ट हो गई। पानी नहीं है तो कोई हरियाली नहीं हो सकती है।
दुनिया भर में कई देशों में पानी को लेकर लड़ाई

उन्होंने कहा कि पानी की अहम जरूरत है। मध्य पूर्व एशियाई देशों में जो लड़ाई है वह जो इजरायल और जॉर्डन, इजरायल और लेबनॉन, इजरायल और फिलीस्तीन के बीच जो लड़ाई है। लोग यह समझते हैं कि यह लड़ाई प्राकृतिक संसाधनों को लेकर है, लेकिन यह लड़ाई पानी को लेकर है।
वेस्ट बैंक, गोलान हाइट्स जैसे क्षेत्रों में पानी का भंडार है, यहां से जॉर्डन नदी निकलती है। यहां का पानी इजरायल दूसरे देश को नहीं देना चाहता है। इस पानी का प्रबंधन इजरायल खुद करता है। इजरायल ने नदियों में सेंसर लगाया है। मुख्य लड़ाई का कारण एक कारण पानी भी है।
उन्होंने बताया कि यूफरेटिस नदी के पानी को लेकर सीरिया और इराक ने तुर्की के खिलाफ अलग गठजोड़ बना लिया है। चीन जैसे देश में यलो रीवर बेसिन में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में लड़ाई शुरु हो चुकी है। थाइलैण्ड में पूर्व और पश्चिमी थाइलैण्ड के बीच लड़ाई शुरु हो चुकी है।
रूसी संघों के देशों में जहां दुनिया की सबसे में बैकाल व ओमेगा झील जो दुनिया की सबसे बड़ी झीलों में है वह सूखने के कगागर पांच गणराज्यों में पानी को लेकर लड़ाई आरंभ हो चुकी है।
पानी का हिस्सा 5 हजार क्यूबिक मीटर प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष

डॉ. अहमद ने कहा कि वर्ष 1950 में पूरी दुनिया में लगभग 16 हजार क्यूबिक मीटर पानी हर वर्ष प्रत्येक आदमी के हिस्से में था। आज यह पानी लगभग 5 हजार क्यूबिक मीटर प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष हो चुका है। देश में वर्ष 1955 में 5 हजार क्यूबिक मीटर पानी था हर आदमी के हिस्से में था। वह आज 1500 क्यूबिक मीटर हो चुका है। अगले 10 वर्षों में यह पानी एक हजार क्यूबिक मीटर हर आदमी के हिस्से में होगा।
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