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भवनाथ में भजन, भोजन व भक्ति का संगम

locationअहमदाबादPublished: Feb 11, 2018 11:15:29 pm

Submitted by:

Gyan Prakash Sharma

महाशिवरात्रि मेले में तीन लाख भक्तों ने किए महादेव के दर्शन

Mahashivratri Mela in Bhavanath
जूनागढ़. जूनागढ़ की भवनाथ तलहटी में महाशिवरात्रि मेले के चलते भजन, भोजन व भक्ति का संगम देखने को मिल रहा है। भक्त भगवान भवनाथ के दर्शनों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम व मेले का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं।
मेले के दूसरे दिन शनिवार रात को जीतूदान गढ़वी व मंजुलाबेन गोस्वामी का लोकडायरा कार्यक्रम आयोजित किया गया। लोक संस्कृति के कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कलक्टर डॉ. राहुल गुप्ता ने किया। लोकडायरा से पूर्व सोरठ की पहचान समान रास व शिव नृत्य ज्ञानबाग गुरुकुल के विद्यार्थियों ने प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मेले में देशभर के विभिन्न क्षेत्रों से संत, महंत व श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। ऐसे में भवनाथ तलहटी लोकसंस्कार व लोक संस्कृति का केन्द्र बना हुआ है। शिव की उपासना के उद्देश्य से आयोजित लोकडायरा के साथ जीतूदान गढ़वी व दिव्येश जेठवा की टीम ने भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर जूनागढ़ की महापौर आध्याशक्तिबेन मजमूदार, पार्षद, तहसीलदार आदि उपस्थित रहे।
वाहनों के आवागमन पर रोक
मेले में वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में निजी वाहनों से जाने वाले श्रद्धालुओं को गिरनार दरवाजे से लेकर भवनाथ तक करीब चार किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा। हालांकि एसटी प्रशासन की ओर से चलाई गई मिनी बस गिरनार दरवाजे से अंदर भवनाथ स्टैंड तक जा रही हैं।
सोमनाथ में बनेगा खोडलधाम अतिथिभवन
प्रभासपाटण. सोमनाथ में खोडलधाम अतिथिभवन की नींव रखी गई है। वेरावळ-सोमनाथ बायपास पर साढ़े नौ बीघे जमीन में ३० करोड़ की लागत से बनने वाले अतिथिभवन का निर्माणकार्य आगामी दो वर्षों में पूरा हो जाएगा।
अतिथिभवन के शिलान्यास समारोह में रविवार को भामाशाहों की ओर से २६ करोड़ रुपए का दान दिया गया। समारोह के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई ने कहा कि धर्मस्थानों से संस्कृति का संवर्धन होता है और उससे ही अच्छे विचारों का जन्म होता है। अच्छे विचारों से समाज में सद्कार्य होते हैं। भवन निर्माण के लिए एक ही दिन में भामाशाहों की ओर से २६ करोड़ रुपए के दान की घोषणा की गई, जो साबित करता है कि श्री लेऊवा पटेल समाज अपने संगठन, शिक्षा व संस्कति के साथ अच्छे विचारों को स्वीकार करके समाज के कार्य में हमेशा अग्रसर रहता है। अतिथिभवन के मुख्य दाता सुजलोन परिवार ने भवन को अपना नाम देने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने खोडल माता के नाम के साथ अतिथिभवन निर्माण करने का संकल्प व्यक्त किया है।

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