script

‘ठेकाकर्मियों का आर्थिक शोषण कर रही है राज्य सरकार’

locationअहमदाबादPublished: Nov 04, 2018 10:09:28 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

राज्य सरकार युवाओं का कर रही है शोषण

manish doshi

‘ठेकाकर्मियों का आर्थिक शोषण कर रही है राज्य सरकार’

अहमदाबाद. ग्राम विकास एजेंसी ने अलग-अलग कार्यों के लिए ठेकाकर्मियों को नियुक्त किया है, जिसे दस वर्षों हो गए हैं, लेकिन अभी भी उनको प्रति माह चार हजार वेतन भुगतान राज्य सरकार शोषण कर रही है। समान कार्य और समान वेतन की डींगें मारने वाली राज्य सरकार हजारों युवाओं का शोषण कर रही है। गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रवक्ता डॉ. मनीष दोशी ने यह आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र की तत्कालीन कांग्रेस की यूपीए सरकार ने ग्रामीण इलाकों में 100 दिनों का रोजगार देने के लिए कानूनी प्रावधान कर महात्मा गांधी रोजगार गारंटी (मनरेगा) बनाई थी। यह योजना ग्रामीण इलाकों में रोजगार के लिए पलायन रोकने के लिए कामयाब रही। ऐसे में मनरेगा योजना, घरविहीन परिवारों को घर समेत ग्रामीण विकास योजनाएं लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेवारी संभालने वालों को सिर्फ चार हजार रुपए ही भुगतान किए जाते हैं। ग्रामीण विकास विभाग की ओर से कार्य करने वाले कर्मचारियों से 12 गांवों में योजना के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी दी गई है।
डॉ. दोशी ने कहा कि वायब्रन्ट, गतिशील, प्रगतिशील समेत करोड़ों रुपए खर्च कर उत्सव करने वाली भाजपा सरकार युवाओं को शोषण कर रही है। कांग्रेस की मांग है कि न्यूनतम वेतन अधिनियम का उल्लंघन बंद हो अन्यथा आगामी दिनों में कांग्रेस कानूनी लड़ाई लड़ेगी।
‘लोकसभा चुनाव के घोषित होगी ‘जनता की आवाज’
अहमदाबाद. अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने जनता की आवाज सुनकर उसे चुनावी घोषणा पत्र में बनाने की दिशा में कवायद शुरू की है। इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को एलिसब्रिज स्थित भाईकाका भवन में संवाद बैठक हुई। इस मौके पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की चुनावी घोषणा पत्र समिति के सदस्य एवं योजना आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. भालचन्द्र मुंगेकर ने कहा देश के विकास के लिए मजबूत शिक्षा प्रणाली होनी चाहिए। शिक्षा में आमूल परिवर्तन के लिए तैयार रहना होगा। शिक्षा संस्थाओं और कैम्पस में खुला माहौल बनाना होगा। थोपने वाली प्रक्रिया को शैक्षणिक जगत स्वीकार नहीं करेगा। कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में ज्यादा से ज्यादा जनता की आवाज को शामिल कर लोकसभा चुनाव के साठ दिन पहले घोषित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षक और प्राध्याकों का सम्मान बनाए रखने की जिम्मेदारी सभी की है। वित्तीय सहाय विभिन्न स्कॉलरशिप और शोध-संशोधन के ढांचे को और मजबूत बनाने के लिए नई संस्थाओं, नए विचार और नई व्यवस्था को प्रोत्साहन देना होगा।
गुजरात कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने शिक्षा क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों से चर्चा करते कहा कि कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व राहुल गांधी ने जनता से संवाद कर लोकतांंत्रिक प्रक्रिया का प्रारंभ किया है। शैक्षिक क्षेत्र में वर्षों से जुड़े विशेषज्ञों के सुझाव काफी अहम साबित होगा।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी ने कहा कि सरकारी एवं अनुदानिक संस्थाओं में शिक्षकों की पूर्ण वेतन के साथ नियुक्त होना जरूरी है। शिक्षा का व्यवसाय नोबल व्यवसाय है, ऐसे में शिक्षकों और प्राध्यापकों का सम्मान बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। गुजरात में शिक्षकों और प्राध्यापकों का सहायक प्रथा के बहाने आर्थिक शोषण हो रहा है जो अनुचित है। इस मौके पर शिक्षक और प्राध्यापकों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी और डॉ. विजय दवे ने किया।

ट्रेंडिंग वीडियो