कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ जनता के समक्ष रखा आरोपपत्र
अहमदाबादPublished: Nov 06, 2022 09:40:16 pm
सोलंकी ने कहा, भाजपा ने डबल इंजन फेल होने पर बदल दिया था एक इंजन
-बोले, कांग्रेस की सरकार बनते ही शुरू हो जाएंगे जनकल्याण के कार्य


कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ जनता के समक्ष रखा आरोपपत्र
अहमदाबाद. गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर आरोप तेज कर दिए हैं। रविवार को कांग्रेस की ओर से 27 साल के शासनकाल में भाजपा पर आरोपों की झड़ी लगाई गई। आरोपपत्र के मुताबिक भाजपा सरकार के डबल इंजन में से एक फेल हो गया था इसलिए इंजन रूपी मुख्यमंत्री को ही बदलना पड़ गया था।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में रविवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी ने गुजरात में भाजपा के 27 वर्ष के शासन काल को लेकर 21 सूत्रीय आरोप पत्र जनता के समक्ष पेश किया है। उनके अनुसार भाजपा की नीति जनता को गुमराह कर दूसरी दिशा में ले जाने की रही है। मोरबी में ब्रिज हादसे से लगभग 140 लोगों की मौत हो गई जो भ्रष्टाचार का नमूना है। उन्होंने बेरोजगारी और शिक्षा को लेकर भी इस आरोप पत्र में सवाल उठाए हैं। सोलंकी के मुताबिक गुजरात में भाजपा ने एक भी स्कूल नहीं बनाया है, इसके विपरीत 6000 से अधिक स्कूलों में ताले मार दिए गए। साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र का निजीकरण किया गया है। साथ ही उन्होंने कोविड कुप्रबंधन को भी प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि इन चुनाव में भाजपा तरह-तरह के हथकंडे आजमाएगी।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सोलंकी ने उम्मीद जताई कि इस बार गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में जीडीपी दर काफी ऊंची थी। गुजरात में तो जीडीपी की दर देश में भी सबसे अधिक थी, लेकिन अब भाजपा की सरकार में यह काफी कम हो गई है। इसके अलावा उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी गुजरात तब आगे था।
ये लगाए आरोप
कांग्रेस ने जो आरोप लगाए उनमें भाजपा शासन में वित्तीय कुप्रबंधन, गुजरात को कर्ज में धकेला जाना, बेरोजगारी का संकट, घोटाले, भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य सेवाओं की उपेक्षा, कोरोना काल में अनियमितता, लचर शिक्षा व्यवस्था शामिल हैं। बिजली के ग्राहकों से लूट , आदिवासी समाज की उपेक्षा, दलितों में सुरक्षा का अभाव, महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों में कमी, सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा, किसानों से धोखाधड़ी, लचर कानून व्यवस्था, मजदूरों का शोषण तथा सरकारी कर्मचारियों के साथ दुव्र्यवहार जैसे आरोप लगाए गए।