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कांग्रेस एक व्यक्ति, एक राज्य के खिलाफ लड़ी

locationअहमदाबादPublished: Nov 05, 2017 04:55:10 am

भाजपा के गुजरात चुनाव प्रभारी व केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हर चुनाव अपना एजेंडा स्वयं तय करता है। राज्य के बीते तीनों चुनाव (2002, 20

Arun Jaitley

Arun Jaitley

अहमदाबाद।भाजपा के गुजरात चुनाव प्रभारी व केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हर चुनाव अपना एजेंडा स्वयं तय करता है। राज्य के बीते तीनों चुनाव (2002, 2007 और 2012) कांग्रेस एक व्यक्ति (इशारा तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी)और एक राज्य के खिलाफ लड़ी।चुनाव से जुड़ी बैठकों के बाद शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में जेटली ने कहा कि एक तरफ भाजपा ने विकास के एजेंडा पर हमेशा चुनाव लड़ा है। भाजपा की राजनीतिक शब्दावली की सोच लगातार विकास व प्रगति रही है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का इतिहास देखें तो
पिछले तीन चुनाव कांग्रेस एक व्यक्ति और एक राज्य के खिलाफ प्रचार कर लड़ी।

जेटली ने कहा कि अब इस बार कांग्रेस विकास को नीचा दिखाने का काम कर रही है। इस बार के चुनाव की स्थिति और विचित्र लग रही है। कोई दल विकास को नीचा दिखाए, यह देश और दुनिया की राजनीति में कहीं नहीं हुई। उन्होंने कहा कि विकास तो गरीबी से लड़ता है। इसलिए कांग्रेस का विकास का मजाक उड़ाना या फिर परिवारवाद को सामने ले आना, उचित नहीं है। विकास की लहर को रोकने के लिए कांग्रेस जातिवाद के जहर को फैलाने का प्रयास कर रही है।

जेटली के मुताबिक कांग्रेस देश के एक प्रगतिशील प्रांत में विकास को नीचे दिखाने या फिर समाज को बांटने की बातें कर रही है। यह न तो समाज के हित में है और न ही राज्य के हित में है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जिन-जिन राज्यों में इस तरह का जहर फैलाया, वे राज्य आज आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से पीछे रह गए हैं। जब आर्थिक विकास होता है तो प्रयास रहता है कि समाज के हर वर्ग को लाभ मिले।

जेटली ने कहा कि वर्ष 2007 व 2012 में कांग्रेस ने सारे सरकारी तंत्र का इस्तेमाल किया। इसमें सीबीआई के दुरुपयोग से लेकर देशद्रोही तत्वों का प्रयोग करने से भी नहीं बची।
उन्होंने कहा कि वे कई राज्यों के चुनाव में जाते हैं जहां बिजली, सडक़, पानी का मुद्दा होता है। इसके साथ-साथ स्कूल में शिक्षा, अध्यापकों की कमी, स्वास्थ्य सुविधा व उद्योगों की कमी का मुद्दा रहता है, लेकिन गुजरात में ऐसा नहीं है। जेटली के अनुसार वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव के पहले स्थिति में तनाव था।

स्वाभाविक तौर पर उन घटनाओं का मतदाताओं के मानस पर भी असर पड़ता था। उस वक्त भी पूरा विश्वास था और जीते। जब मोदी सीएम बने तब यह दृढ़ निश्चय किया था कि गुजरात एक अमन, शांति, भाईचारा और विकास के रूप में चलने वाला प्रांत बनेगा। देश दुनिया में विवाद हुए, लेकिन गुजरात का एजेन्डा हमेशा विकास रहा।

जेटली ने बताया कि मोदी की सोच हमेशा गुजरात को एक प्रगतिशील राज्य बनाने तथा आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से उपर ले जाने की रही। 2007 व 2012 का चुनाव एक उम्मीद रखने वाले गुजरात का चुनाव रहा। 2017 का चुनाव गुजरात को कहां से आगे जाना है और ले जाना है। यह सवाल जनता के सामने है।

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