कांग्रेस के विधायक निलंबित तो भाजपा के क्यों नहीं: धानाणी
पंचाल के अपशब्द कहने पर उकसाए दूधातपहली बार के विधायकों को तीन वर्ष के लिए निलंबन उचित नहीं
गांधीनगर. विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धानाणी ने कांग्रेस के विधायकों के निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि उनकी पार्टी के सदस्यों-प्रताप दूधात व अमरीश डेर-को निलंबित किया गया तो भाजपा के विधायकों-जगदीश पंचाल व हर्ष संघवी-को क्यों निलंबित नहीं किया गया।
बुधवार को घटी घटना का विरोध करते हुए उन्होने कहा कि महात्मा गांधी के गुजरात में घटी इस घटना की वे निंदा करते हैं। इस तरह की हिंसा को किसी भी तरह से समर्थन नहीं दिया जा सकता।
सदन में उपनेता नितिन पटेल की ओर से विधायकों के निलंबन के प्रस्ताव का विरोध किया और भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रेजरी बेंच के इशारे पर अपशब्द कह कांग्रेस के विधायकों को उकसाने का प्रयास करते रहे। धानाणी के अनुसार पिछले एक सप्ताह से उनकी पार्टी के नए युवा विधायक यह शिकायत कर रहे थे कि जगदीश पंचाल व हर्ष संघवी सहित कुछ भाजपा विधायक लगातार टीका-टिप्पणी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दूधात की ओर से हमला भी गलत है, लेकिन डेर पर हमला भी गलत है। गुनाह करना अपराध है, लेकिन नजर के सामने अपराध होते देखने को रोकने का प्रयास नहीं करना भी उतना ही बड़ा अपराध है। दूधात ने इतने विधायकों के बीच सिर्फ जगदीश पंचाल पर ही हमला क्यों किया।
उन्होंने कहा कि पंचाल इस दौरान सदन में उपस्थित नहीं थे, लेकिन वे बाहर से अंदर आए और उन्होंने दूधात को अपशब्द कहा। इस कारण उकसाए दूधात ने पंचाल के साथ इस तरह की घटना की।
इसके बाद दूसरे गेट से अंदर आए साथी विधायक अमरीश डेर को भाजपा के 8-10 विधायकों ने जोरदार मारपीट तक लात घूंसे जड़े।
धानाणी के अनुसार इस घटना के लिए उन्होंने दोनों विधायकों को चेतावनी दी। दूधात व डेर दोनों नए व युवा विधायक हैं। इसलिए उन्हें माफ नहीं किया जाना चाहिए लेकिन उन्हें तीन वर्ष के लिए निलंबित करना सही नहीं है। इससे वे अपने क्षेत्र की बातों को सदन के समक्ष नहीं उठा सकेंगे। इसलिए उन्हें इस सत्र की समाप्ति तक निलंबित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा के दो विधायक दूसरी बार चुने गए हैं और उन्होंने जानते हुए भी अपराध किया जिसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। नियमों से वाफिक होने के बावजूद उन्हंोंने कांग्रेस विधायकों को उकसाने का प्रयास किया। इसलिए उन्हें भी दोषी ठहराया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भूतकाल में सबसे ज्यादा निलंबित होना उनके हिस्से में आया है। धानाणी ने कहा कि साथी विधायक बलदेव ठाकोर ने पूरी घटना में भाजपा व कांग्रेस विधायकों को समझाने की कोशिश की, इसलिए उन्हें एक वर्ष के लिए निलंबित नहीं किया जाना चाहिए।
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