scriptस्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग | Congress raises No-confidence motion issue against Assembly Speaker | Patrika News

स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग

locationअहमदाबादPublished: Mar 20, 2018 11:20:46 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

प्वाइंट ऑफ ऑर्डर खारिज, कहा अवधि अभी नहीं हुई पूरी

Congress raises No-confidence motion issue against Assembly Speaker
अहमदाबाद. विपक्षी कांग्रेस ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में स्पीकर राजेन्द्र त्रिवेदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की।
प्रतिपक्ष के नेता परेश धानाणी ने प्रश्नकाल के बाद प्वाइंट ऑफ ऑर्डर उठाते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने गत 28 फरवरी को गुजरात विधानसभा सचिवालय के समक्ष इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया था। विधानसभा के नियम 103 के तहत यह प्रस्ताव पेश किया गया था। इसमें स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किए जाने की मांग की गई थी।
सदन के भीतर यह प्रस्ताव 14 दिनों के भीतर चर्चा के लिए लाया जाना चाहिए। 14 दिनों के बाद अगले 7 दिन के भीतर इस पर चर्चा की जानी चाहिए, लेकिन पहले 14 दिन और बाद में 7 दिनों की अवधि मंगलवार को खत्म होने के बावूजद इसे एजेंडा में शामिल नहीं किया गया। इसलिए इस पर चर्चा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद की गरिमा बरकरार रहे, इसके लिए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारी मन से उन्हें यह प्रस्ताव लाना पड़ रहा। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा हो जाती है, लेकिन विपक्ष के प्रस्ताव के साथ ऐसा नहीं होता है। उन्होंने यह भी मांग की कि जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि को तीन वर्ष तक के निलंबन की सजा नहीं होनी चाहिए। नियमों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा सत्रांत तक की अवधि के लिए निलंबित किया जाना चाहिए।
इस पर संसदीय राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने काह कि स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सत्ता पक्ष पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि स्पीकर ने सदन का तटस्थ संचालन किया है, इतना ही नहीं स्पीकर ने भाजपा के विधायकों को प्रश्न पूछने तक नहीं दिया।
वरिष्ठ नेता पूंजाभाई वंश ने कहा कि संसदीय राज्य मंत्री का यह बयान अनुुचित है कि भाजपा के विधायकों को प्रश्न पूछने तक नहीं दिया गया। यह अधिकार पूरी तरह से स्पीकर का है कि किसे प्रश्न पूछने दिया जाए और किसे नहीं?

दोनों दलों के नेता मिल बैठकर फिर से करें विचार: सीएम

उधर सदन के नेता व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि अध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव लाने से सदन की गरिमा को ठेस पहुंचेगा। अध्यक्ष पद की गरिमा होती है। इस सदन में अभी तक स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा या मतदान नहीं हुआ, इसलिए इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। इससे इस सदन की अब तक का गौरव बरकरार रह सके।
हालांकि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि विपक्ष इससे सहमत नहीं हैं तो फिर चर्चा और मतदान किया जाए, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं को बैठकर फिर से विचार करना चाहिए कि इसकी नौबत नहीं आए।
कांग्रेस के उपनेता शैलेष परमार ने विधानसभा के नियमों व संवैधानिक प्रावधान का हवाला देते हुए कहा कि मंगलवार को एजेन्डा में स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का उल्लेख किया जाना चाहिए। यदि इसमें सचिवालय की गलती है तो इसका मतलब सचिवालय अलग ढंग से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सदन के नेता ने अच्छी बात कही है, लेकिन राज्य सरकार को भी इस संबंध में विचार करना चाहिए कि जनता के प्रतिनिधि को तीन वर्ष निलंबन की इतनी बड़ी सजा नहीं मिलनी चाहिए। सत्ता पक्ष को बड़ा मन रखना चाहिए।
संसदीय मंत्री भूपेन्द्र सिंह चुडास्मा ने कहा कि सदन के नेता की बात का वे समर्थन करते हैं और दोनों दलों के नेता को बैठकर इस मुद्दे का समाधान लाना चाहिए।
सत्ता पक्ष व विपक्षी दलों की चर्चा के बाद स्पीकर ने विपक्ष के नेता की ओर से उठाए गए प्वाइंट ऑफ ऑर्डर को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अभी अविश्वास प्रस्ताव को लाए जाने की अवधि पूरी नहीं हुई है।

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